कवर्धा : कवर्धा जिले में तनावपूर्ण शांति है। पुलिस ने 70 लोगों की पहचान की थी। इन सभी को बुधवार देर रात तक गिरफ्तार कर लिया गया है। जबकि, अन्य उपद्रवियों की पहचान के लिए वीडियो फुटेज खंगाले जा रहे हैं। क्षेत्र में तनाव की स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने गुरुवार को कर्फ्यू में ढील देने से साफ मना कर दिया है। आगे का निर्णय स्थिति को देखते हुए लिया जाएगा। वहीं शहर में घुसने से रोकने पर पूर्व मंत्री सहित कई भाजपा नेता बाहर धरने पर बैठ गए हैं। दूसरी ओर विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता उपद्रव के दौरान हुए लाठीचार्ज का विरोध कर रहे हैं। इसके चलते कार्यकर्ता गुरुवार दोपहर गिरफ्तारियां देने निकले थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। शहर में धारा-144 के साथ-साथ कर्फ्यू का हवाला देते हुए उन्हें लौटा दिया गया है। पहले की स्थिति को देखते हुए प्रशासन कोई भी कोताही बरतने के मूड में नहीं है। दूसरी ओर कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के विरोध में भाजपा नेता लामबंद होने लगे हैं।
पूर्व मंत्री चंद्राकर ने कहा- कांग्रेस नेताओं जैसा बर्ताव कर रहे आईजी
कवर्धा जा रहे पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर, शिवरतन शर्मा एवं दूसरे भाजपा नेताओं को शहर के अंदर घुसने से पुलिस ने रोक दिया है। इसके विरोध में नेता सड़क पर ही धरने पर बैठ गए हैं। अजय चंद्राकर ने कहा कि आईजी विवेकानंद सिन्हा यहां कांग्रेस नेताओं जैसा बर्ताव कर रहे हैं। हम उनके खिलाफ कवर्धा थाने शिकायत करने जाएंगे। साथ ही हमारे कार्यकर्ताओं की जो गलत तरीके से गिरफ्तारी की गई है उसके विरोध में हम भी गिरफ्तारी देने आए हैं, लेकिन हमें शहर में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा।
नवरात्रि पर सिर्फ 7 जगह मूर्ति स्थापना
गुरुवार से शुरू हुए नवरात्रि उत्सव पर भी दंगों का साया पड़ गया है। जिले के सभी बाजार और दुकानें बंद हैं। हर साल 25 से ज्यादा जगहों पर दुर्गा प्रतिमाएं स्थापित होती थीं। इस बार सिर्फ 7 स्थानों पर प्रशासन की ओर से अनुमति दी गई है। इनमें गुप्ता मोहल्ला, जनपद ऑफिस के सामने, करपात्रि चौक, यूनियन चौक, ठाकुर पारा, बहादुरगंज वार्ड और कैलाश नगर शामिल हैं। प्रतिमाओं के साथ सिर्फ 3 लोग ही आ सकते हैं। उसके लिए पहले पास बनवाना होगा।
मंदिरों में जलेंगे ज्योति कलश, लेकिन आमजन को अनुमति नहीं
जिला प्रशासन ने नवरात्रि को देखते हुए मंदिर समितियों और दुर्गा पूजा समितियों को सशर्त छूट दी है। इसके बाद मंदिरों और पांडालों में कलश स्थापना और दीप प्रज्वलन हो सकेगा, लेकिन आमजन और श्रद्धालुओं को जाने की अनुमति नहीं होगी। समिति के पदाधिकारी 24 घंटे रह सकेंगे, पर उनके नाम के साथ पहले अनुमति लेनी होगी।
- मंदिर समिति के अधिकतम 15 व्यक्ति और दुर्गोत्सव समिति के 2 व्यक्ति रह दीप प्रज्जवन व व्यवस्था के लिए रह सकेंगे। इन्हें परिसर से बाहर आने-जाने की अनुमति नहीं होगी।
- एक समय में अधिकृत 3 पास धारी व्यक्ति ही कवर्धा नगर से मंदिर और पंडाल तक प्रबंधन के लिए आ-जा सकेंगे।
ज्योति कलश दर्शन के लिए दर्शनार्थियों व अन्य व्यक्तियों का प्रवेश वर्जित रहेगा। ज्योत प्रज्वलन, पूजा-आरती की जिम्मेदारी केवल मंदिर प्रबंधन समिति की होगी। - मंडप व पंडाल के सामने दर्शकों के बैठने के लिए अलग से व्यवस्था नहीं की जाएगी।
- मूर्ति स्थापना, विसर्जन और उसके बाद भोज, भंडारा, जगराता या सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं होगा। चरणामृत, भोग, प्रसाद का भी वितरण नहीं हो सकेगा।
- मंदिरों में पूर्व से स्थापित स्पीकर से सुबह एवं शाम की आरती के समय धीमी आवाज में PMPO 200 वॉट में बजाने की अनुमति होगी। पांडालों में कोई लाउडस्पीकर नहीं लगेंगे।
पूजा सामग्री की होम डिलीवरी की जाएगी, दुकानदारों की सूची जारी
पूजा सामग्री की खरीद केवल होम डिलीवरी के माध्यम से ही की जा सकेगी। होम डिलीवरी के लिए प्रशासन ने 14 राशन किराना और 6 थोक किराना दुकानदारों पर सहमति दी है। इनकी सूची, नाम-पते और नंबर के साथ जारी की गई है। मंदिर समिति संबंधित दुकानदारों से सीधे संपर्क कर सामान ले सकती हैं। दुकानदारों को प्रशासन की ओर से पास जारी किया गया है।