प्रांतीय वॉच

नुकसान से उभरनें सड़कों पर दौड़नें लगी बसें, लेकिन अभी भी सवारियों का टोटा, संचालकों ने सीमित की संख्या

Share this

तिलकराम मंडावी/डोंगरगढ़ : लॉकडाउन हटनें के बाद अब बंद पड़ी सारी सेवाएं फिर से बहाल हो चुकी है। व्यापार पटरी पर आनें लगी है और आर्थिक मोर्चे पर मजबूती के लिए व्यापारियों को देर रात तक मार्केट खोलनें की छूट मिल गई है। इधर प्रषासन ने बस सेवाओं को भी षुरू करनें हरी झंडी तो काफी समय पहलें ही दे दी थी। लेकिन बस संचालकों ने दोबारा सर्विस षुरू करनें के लिए हाथ खड़े कर दिए थे। ऐसे में अब फिर से रूटों में बस सेवा बहाल हो रही है। हालांकि लोगों में दहषत अभी भी ऐसी है कि सफर करनें के लिए लोग संकोच कर रहे है। बसों की जगह निजी वाहनों में सफर करनें को तवज्जों दे रहे है। डोंगरगढ़ से निकलनें वाली अधिकतर बसें अभी भी स्टैंड में ही खड़ी हुई है। संचालकों ने अभी भी अपनें सभी बसों को रूट में नहीं निकाला है। गिनती के ही बस रूट में दौड़ रही है, वहीं काफी कम संख्या में यात्री सफर कर रहे है। सेवा बहाल होनें के बाद भी बस मालिक नुकसान में ही है। क्योंकि रूट में दौड़नें से टैक्स तो देना ही पड़ेगा। इसके अलावा डीजल व ड्राइवर-कंडक्टर को भी वेतन व मेंटेनेंस आदि पर खर्च हो रहा है। बसों की अधिकतर सीटें खाली है, जिससें संचालकों को सीधें तौर पर नुकसान ही हो रहा है। नुकसान से उभरनें के लिए रूटों में बस चलानें का फैसला संचालकों ने लिया है। संचालकों की नुकसान की भरपाई तो मुष्किल है, लेकिन रोजी-रोटी के लिए बसों का चलना भी आवष्यक है।

इन रूटों में षुरू हुई बस सेवा- फिलहाल डोंगरगढ़ से सुबह मुढ़ीपार, खैरागढ़ से रायपुर रूट के लिए बस षुरू हुई है। इसके अलावा राजनांदगांव, डोंगरगांव रूट में भी कुछ बसें दौड़ रही है। कवर्धा में कफर्यू के चलतें कई दिनों से रूट में बस नहीं जा रही है। कवर्धा से में स्थिति सामान्य होनें के बाद ही यात्री बसें चलेगी।

ग्रामीण क्षेत्र के भी यात्री नहीं मिल रहे- डोंगरगढ़ से निकलनें वाली बसें राजनांदगांव, खैरागढ़, कवर्धा, रायपुर, दुर्ग, डोंगरगांव, अंबागढ़ चौकी तक चलती है। इन षहरों के बीच पड़नें वालें गांवों में भी स्टॉपेज है। ग्रामीण क्षेत्र के यात्री ब्लॉक मुख्यालय में खरीदारी व अन्य कार्यों से पहुंचतें है। लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के यात्री भी सफर करनें से कतरा रहे है। जबकि सामान्य दिनों में सभी बसों में खचाखच भीड़ रहती थी। कोरोना संक्रमण के दहषत के बीच यात्रियों ने बस सेवा बहाल होनें के बावजूद सफर करनें में रूचि नहीं दिखाई है। केवल तीज सीजन में बसों में भीड़ दिखी। नवरात्र पर्व में भी यात्री नहीं मिल रहे है।

प्रोटोकॉल का पालन करानें भी तैयार संचालक- षासन ने बस संचालकों के लिए भी संक्रमण से बचाव के लिए प्रोटोकॉल जारी किया है। इसके तहत निर्धारित सीटों में आधें यात्री ही बैठकर सफर करेंगे। यानी यदि बस 52 सीटर है तो 26 यात्री ही यात्रा करेंगे। इसके अलावा मास्क लगाना अनिवार्य है व सैनिटाइजर भी उपलब्ध कराया जाएगा। प्रोटोकॉल का पालन करनें के लिए संचालक तैयार भी है, लेकिन यात्री ही नहीं मिलनें से रोजाना नुकसान उठाना पड़ रहा है।

कोरोना ने कराया बंद तो निजी साधन को बना लिया विकल्प- ग्रामीण क्षेत्र व बसों के परिचालन के भरोसे सफर करनें वालें लोगों की समस्या तब बढ़ गई जब कोरोना के चलतें लॉकडाउन हुआ और यात्री बसें थम गई। लॉकडाउन खुलनें के बाद भी बस सेवा बंद रही। ऐसे में लोगों ने भी सीख लेतें हुए निजी वाहनों से सफर को दैनिक जीवन में ला लिया। अब बस चलनें के बाद भी लोग ब्लॉक व जिला मुख्यालय या किसी षहर जानें के लिए निजी साधनों का ही सबसें अधिक उपयोग कर रहे है। बस बंद होनें के बाद टू व फोर व्हीलर परिहवन में ज्यादा पसंद किया जा रहा है।

अब षादी सीजन से संचालकों को उम्मीद- षादी-ब्याह में षामिल होनें वालें लोगों की संख्या में छूट मिलनें से बस संचालकों को राहत की उम्मीद है। कोरोना के चलतें अधिकतर षादियां नहीं हो पाई थी। दीपावली के बाद मुुहुर्त है, जिसमें रूकी हुई षादी व नए मांगलिक कार्य होंगे। षादी सीजन में बस संचालकों को उम्मीद है कि बुकिंग में चलनें से काफी हद तक राहत मिलेगी। परंतु करीब 8 माह में काफी नुकसान संचालकों को हो चुका है। षासन ने भी आर्थिक पैकेज भी नहीं दिया है।

Share this

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *