देश दुनिया वॉच

कानून लागू नहीं… मामला अदालत में तो विरोध प्रदर्शन क्यों? किसान आंदोलन पर सुप्रीम कोर्ट का सवाल

Share this

नई दिल्ली: केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों की एक याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सख्त सवाल किए हैं. राजस्थान के संगठन किसान महापंचायत ने अर्जी दाखिल कर जंतर मंतर पर सत्याग्रह की अनुमति मांगी है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि अगर याचिकाकर्ता की ओर से कानून को कोर्ट मे चुनौती दी गई है तो फिर क्या मामला अदालत में लंबित रहते हुए विरोध प्रदर्शन की इजाजत दी जा सकती है? प्रदर्शन की इजाजत मांगने का कोई औचित्य नहीं है. कोर्ट ने कहा कि आपके संगठन की ओर से कोर्ट में पहले से ही याचिका दायर की गई है. अटॉर्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट के सवाल पर सहमति जताई.

कानून लागू नहीं तो प्रदर्शन क्यों?
याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि राजस्थान हाईकोर्ट में तो हमने सवैधानिक प्रावधानों को चुनौती दी है. अभी कृषि कानून लागू कहां है. क़ानून के अमल पर तो रोक लगी हुई है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप एक रास्ता चुनें या तो कोर्ट का, संसद का या फिर सड़क और प्रदर्शन का. कोर्ट ने कहा कि हमें इस बड़े सवाल को पहले तय करना है कि अगर आप किसी मसले को लेकर कोर्ट गए है, तो कैसे आप उसी मसले को लेकर विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं. कोर्ट ने इस मामले में कहा कि सार्वजनिक सम्पत्तियों के नुकसान की जिम्मेदारी कोई नहीं लेता है. जिस कानून को लेकर प्रदर्शन हो रहा है, वो क़ानून तो अभी लागू ही नहीं हैं. उस पर तो रोक लगी हुई है.

सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने भी कोर्ट से सहमति जताई. उन्होंने कहा कि कोर्ट में लंबित रहते हुए प्रदर्शन का कोई औचित्य नहीं है. उन्होंने कहा कि इस दौरान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता संगठन की ओर से राजस्थान हाईकोर्ट में लंबित याचिका को सुनवाई के लिए अपने पास ट्रांसफर किया. इस याचिका में संगठन ने कृषि क़ानून की वैधता को हाईकोर्ट में चुनौती दी है. 21 अक्टूबर को आगे कोर्ट सुनवाई करेगा. कोर्ट इस बड़े सवाल पर विचार करेगा कि क्या अदालत में याचिका दायर करने के बाद वही संगठन इसी मसले पर विरोध प्रदर्शन कर सकते है.

वहीं नोएडा निवासी मोनिका अग्रवाल ने किसान आंदोलन के चलते दिल्ली- नोएडा यातायात बाधित रहने का मसला उठाया था. किसान आंदोलन के चलते बाधित दिल्ली की सड़कों को खोलने की मांग को कोर्ट में उठाया. सुप्रीम कोर्ट ने 43 किसान संगठनों को नोटिस जारी किया. इस मामले में 20 अक्टूबर को अगली सुनवाई होगी. इसी मसले को लेकर हरियाणा सरकार ने अंतरिम अर्जी दाखिल कर 43 किसान संगठनों को पक्षकार बनाने के लिए अर्जी दाखिल की थी. हरियाणा सरकार की अर्जी पर कोर्ट ने नोटिस जारी किया.

Share this

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *