प्रांतीय वॉच

जेठानी-देवरानी और ननद-भौजाई ने मिलकर दी परीक्षा, बुढ़ापे में भगवान का नाम लिखने के शौक से लिया अक्षर ज्ञान

Share this

रायपुर : पढ़ना लिखना अभियान के तहत गुरुवार को प्रौढ़ शिक्षार्थियों के आकलन के लिए राज्यव्यापी महापरीक्षा अभियान में प्रदेश के दो लाख से अधिक शिक्षार्थियों ने परीक्षा दी। बुनियादी साक्षरता परीक्षा प्रदेश के 28 जिलों के चिह्नांकित 121 विकासखंड और 105 नगरीय निकायों के ग्राम पंचायत एवं वार्ड में महापरीक्षा अभियान का आयोजन किया गया। परीक्षा की उल्लेखनीय बात यह रही कि कहीं कई महिलाओं ने नन्हे-मुन्ने बच्चों के साथ, कहीं सास-बहू ने, कहीं बुजुर्ग और दिव्यांग ने परीक्षा दी। राज्य सरकार द्वारा स्वयंसेवी शिक्षकों और शिक्षार्थियों को पृथक से प्रमाण पत्र दिया जाएगा।

मीना बोलीं- अब भगवान का नाम लिखूंगी

प्राथमिक शाला गोगांव में 75 वर्षीय मीना साहू परीक्षा में शामिल हुईं। उन्होंने बताया कि पहले स्वयंसेवी शिक्षिका लक्ष्मी साहू ने पढ़ने के लिए कहा तो मैंने कह दिया कि ‘बुढ़त काल में पढ़ लिख के में का करहूं’ लेकिन बाद में जब पढ़ने गई तो लगा कि जरूरी है। पहले दिन झिझकते, संकुचाते और शर्माते हुए शामिल हुई और आज मैं स्वयं नए आत्मविश्वास के साथ महापरीक्षा अभियान में शामिल हुई हूं। मीना साहू ने कहा कि ‘ऊपर जाए के पहली अपन नाव गांव अउ भगवान के नाव लिखना सीख गेंव, अब मोला सरग में जगह मिलही’ में अब्बड़ खुश हों।

एक ही परिवार से चार सदस्यों ने दी परीक्षा

प्राथमिक शाला कचना में चार सदस्य माता-भुखिन बाई उम्र 56 वर्ष, पिता-खेमूराम उम्र 58वर्ष, बड़ी मां-कलिंद्री बाई उम्र 57 वर्ष और उनकी बहन उमा बाई उम्र 33 वर्षीय ने मिलकर परीक्षा दी है। समूचे परिवार को एक साथ एक छत के नीचे पढ़ना और परीक्षा देना अन्य लोगों के लिए कौतूहल और चर्चा का विषय रहा।

ननद-भौजाई ने दी परीक्षा

प्राथमिक शाला मोवा में आयोजित पढ़ना लिखना अभियान के तहत 66 शिक्षार्थियों ने भाग लेकर परीक्षा दी। मजे की बात है कि परीक्षा में अलग-अलग सगे संबंधी भी उम्र के एक पड़ाव के बाद पढ़ने लिखने की प्रक्रिया से जुड़ना सहज नहीं होता है लेकिन जिला साक्षरता मिशन प्राधिकरण रायपुर के द्वारा संचालित अभियान के साथ विभिन्न आयु वर्गों के लोग भी लगातार जुड़ते रहे। स्कूल में ननद-भौजाई बिसाबाई टोडर उम्र 62 वर्ष व चमारिन सोनवानी 65 वर्ष ने अपूर्व उत्साह के साथ परीक्षा में भाग लिख और अन्य लोगों के लिए एक मिसाल प्रस्तुत किया।

अफसर करते रहे मॉनिटरिंग

शिक्षार्थी की परीक्षा को सफल बनाने के लिए स्कूल शिक्षा सचिव डा. कमलप्रीत सिंह, राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के संचालक एवं सदस्य सचिव डी. राहुल वेंकट, जिला शिक्षा अधिकारी एएन बंजारा, जिला परियोजना अधिकारी डा. कामिनी बामनकर, अभियान के नोडल अधिकारी एवं सहायक संचालक प्रशांत कुमार पांडेय, सहायक संचालक दिनेश कुमार टांक, परियोजना सलाहकार, पढ़ना-लिखना अभियान निधि अग्रवाल एवं नेहा शुक्ला आदि ने मानिटरिंग की।

Share this

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *