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मनरेगा शाखा मे कार्य कर चुके लिपिक, डाटा एन्ट्री ऑपरेटर (एमआईएस) रोजगार के अभाव मे दर दर भटकने को हो रहे मजबूर

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पुलस्त शर्मा/मैनपुर : तहसील मुख्यालय जनपद पंचायत मैनपुर मनरेगा शाखा में लगभग विगत 10 वर्षों तक लगन और निष्ठा से कार्य कर चुके लिपिक, डाटा एन्ट्री ऑपरेटर रोजगार के अभाव मे दर दर भटकने को मजबूर हो रहे है, बीते दो वर्ष पूर्व मनरेगा शाखा मे कार्यरत लिपिक, डाटा एन्ट्री आपरेटर (एमआईएस) को फंड (आबंटन) का अभाव कहते हुए निकाल दिया गया जिसके चलते मनरेगा शाखा मे कार्य कर चुके कलेक्टर दर (दैनिक वेतन भोगी) कर्मचारी अब बेरोजगार है और आर्थिक समस्या से जूझ रहे है। मनरेगा शाखा मे कार्य कर चुके कोमल निषाद, नरेश बघेल, पुरूषोत्तम निषाद, दुष्यंत पटेल, जनेन्द्र जगत ने बताया कि जनपद पंचायत मैनपुर मनरेगा शाखा मे लिपिक, डाटा एन्ट्री ऑपरेटर (एमआईएस) के रूप में उनके द्वारा कार्य किया जा रहा था लेकिन वर्तमान आवश्यकता के आधार पर फंड (आबंटन) अभाव का हवाला देते हुए कार्यक्रम अधिकारी/मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत द्वारा सेवा समाप्त किया गया जबकि विभाग में फंड (आबंटन) की कमी नही है, प्रत्येक वित्तीय वर्ष में 4 प्रतिशत प्रशासनिक मद (कंटीजेंसी) से कर्मचारियों का भुगतान किया जाता है आज तक किसी भी वित्तीय वर्ष में 4 प्रतिशत से अधिक का व्यय नही हुआ है और राज्य कार्यालय से किसी भी कर्मचारियों को निकालने का आदेश जारी नही हुआ है किन्तु गरियाबंद जिले में ही देवभोग, मैनपुर, गरियाबंद, छुरा, फिंगेश्वर जनपद पंचायत में मनरेगा कलेक्टर दर (दैनिक वेतन भोगी) कर्मचारियों को निकाला गया है।

मनरेगा शाखा में दोबारा कार्य करने की राह ताकते थके बेरोजगार कर्मचारियों ने जिला कलेक्टर, सीईओ जिला पंचायत, अध्यक्ष/उपाध्यक्ष-जिला पंचायत, सीईओ जनपद पंचायत को आवेदन देकर वापस कार्य पर रखने कई बार अनुरोध कर चुके है लेकिन बेरोजगार हुए इन कर्मचारियों की अभी तक कार्य पर वापसी नही हुई है। कुछ अधिकारियों द्वारा तो अपने चहेते कलेक्टर दर कर्मचारी से कार्य लिया जा रहा है जो कि अन्य अनुभवशील कर्मचारियों के साथ छलावा है। निकाले गए कर्मचारियों द्वारा मनरेगा/जनपद के कार्यों के साथ ही अन्य महत्वपूर्ण कार्य जैसे- पंचायत/विधानसभा/लोकसभा निर्वाचन कार्य, स्वच्छ भारत मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना, वन अधिकार एन्ट्री, राशन कार्ड नवीनीकरण की ऑनलाइन एन्ट्री एवं समय-समय पर होने वाले शासन के महत्वपूर्ण कार्यों को ईमानदारीपूर्वक किया है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार द्वारा किसी भी कर्मचारी को नही निकाला जायेगा, रिक्त पदों पर नियमतीकरण किया जायेगा कहकर घोषणा पत्र में शामिल किया गया है किन्तु इसके विपरीत गरियाबंद जिला में ही मनरेगा कलेक्टर दर (दैनिक वेतन भोगी) कर्मचारियों को निकाला गया है और सरकार की छवि को धुमिल किया जा रहा है। मनरेगा शाखा मे कार्य कर चुके इन बेरोजगार कर्मचारियों ने समाचार पत्र द्वारा जिला कलेक्टर एवं प्रभारी मंत्री जी से मनरेगा शाखा अथवा किसी भी विभाग में कार्य पर रखने का मांग किया है।

क्या कहते है मनरेगा अधिकारी –
इस संबंध में मनरेगा शाखा के जिला सहायक परियोजना अधिकारी श्री बुध्देश्वर साहू ने बताया कि मनरेगा कलेक्टर दर (दैनिक वेतनभोगी) कर्मचारियों को निकालने का किसी भी प्रकार का आदेश जारी नही हुआ है कार्य की अधिकता को देखते हुए फंड (आबंटन) की व्यवस्था है तो जनपद पंचायत द्वारा कलेक्टर दर/मजदूरी दर पर अतिरिक्त कर्मचारी रख सकते है।

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