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शिक्षा है बौद्धिक विकास का आधार: श्रीमती रेशमा बैरागी

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  • उर्सुलाइन उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के छात्रों को दी गई विधिक जानकारी

आफ़ताब आलम/बलरामपुर : देश में बनाए गए कानून समाज में भयमुक्त वातावरण सब के हितों का संरक्षण और सब के संवर्धन को ध्यान में रखकर बनाया गया है। बालकों को खासकर बालिकाओं को समाज में बेहतर वातावरण मिले इसके लिए समाज में शिक्षा के व्यापक प्रसार की आवश्यकता है, बलरामपुर /जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्रीमती रेशमा बैरागी ने आज उर्सुलाईन उच्चतर माध्यमिक विद्यालय झींगो में विद्यार्थियों को जानकारी देते हुए कहा की विद्यार्थी जीवन अमूल्य है और यह समय दोबारा लौटकर नहीं आता है, शिक्षा जीवन पथ पर आगे बढ़ने का आधार है, आगे उन्होंने कहा कि प्रथम सूचना पत्र लिखवाने समय जो कि किसी भी मामले के निराकरण के लिए मूल आधार होता है उसमें सही बातें और सभी बातें लिखानी जरूरी होती है सही बातों से आशय हैं घटना का सही समय घटना के समय कौन-कौन लोग मौजूद थे घटना के समय किन किन हथियारों का उपयोग हुआ था किस तरह से घटना हुई थी सभी बातों को क्रमानुसार और जिन लोगों को आप आरोपी बता रहे हैं या जिन्होंने घटना कारित किया है उनके संबंध में भी तफ्सील से जानकारी या विस्तार से जानकारी देनी चाहिए,कभी भी किसी भी तरह की घटना होने पर इस तरह से प्रथम सूचना पत्र लिखा जाने की दशा में संबंधित थाना प्रभारी द्वारा आगे की कार्यवाही की जाती है यदि प्रथम सूचना पत्र नहीं लिखी गई है तो उस स्थिति में या प्रथम सूचना लिए पत्र लिखे जाने से संबंधित पुलिस अधिकारी इंकार कर रहा हो तो पुलिस अधीक्षक को सूचना देनी चाहिए। इसके बाद भी सुनवाई ना होने पर संबंधित न्यायालय में परिवाद पेश की जा सकती है।

गुड टच बैड टच के आलावा टोनहीं प्रताड़ना अधिनियम की भी जानकारी दी गई। आगे श्रीमती बैरागी ने कहा की बालकों के संरक्षण के लिए और उन्हें उत्पीड़न से मुक्त वातावरण प्रदान करने के लिए बालकों के लैंगिक उत्पीड़न से संरक्षण अधिनियम भी है जिसके तहत अपराध करने वालों के लिए कड़े दंड का प्रावधान है ताकि ऐसे लोगों को सबक मिले और समाज में बालकों को उन्मुक्त वातावरण भयमुक्त वातावरण मिल सके।

तहसील अधिवक्ता संघ के सचिव सुनील सिंह ने आगे जानकारी देते हुए कहा कि देश में बनाए गए कानून समाज में भयमुक्त वातावरण सब के हितों का संरक्षण और सब के संवर्धन को ध्यान में रखकर बनाया गया है। बालकों को खासकर बालिकाओं को समाज में बेहतर वातावरण मिले इसके लिए समाज में शिक्षा के व्यापक प्रसार की आवश्यकता है, बालिकाओं को देखकर घूरना उनके लिए अश्लील टिप्पणियां करना अनुचित शब्द का प्रयोग करना तथा उनके साथ अशोभनीय और अभद्र व्यवहार करना भी दंडनीय अपराध है और कठोर कारावास से दंडनीय है।

अधिवक्ता जितेंद्र गुप्ता ने कहा की जितना हम अपने अधिकारों के लिए सजग होते हैं उससे कहीं ज्यादा हमें अपने कर्तव्यों का बोध होना चाहिए अन्यथा हमें अपने किए के लिए दंड भुगतना ही पड़ता है और समाज में सबके लिए समान अवसर मिले सबकी सहभागिता सुनिश्चित रहे इसलिए कानून बनाए गए हैं जिनका हम सबको पालन करना चाहिए।

अधिवक्ता राम नारायण जायसवाल ने कहा की मोटर यान अधिनियम के तहत बनाए गए नियमों का हम सबको पालन करना चाहिए ताकि सड़क पर होने वाले दुर्घटनाओं से हम सब बच सकें 18 वर्ष से कम उम्र के बालकों को मोटर यान अधिनियम के तहत लाइसेंस नहीं दिया जाता है अतः उन्हें वाहन का उपयोग नहीं करना चाहिए अन्यथा ऐसे बालकों के बालकों को भी उसके परिणामों के लिए दुर्घटना होने की दशा में जिम्मेदार माना जाता है और जुर्माने के अलावा न्यायालय में चलाने की कार्यवाही हो सकती है। कार्यक्रम का संचालन उर्सु लाइन माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य ने किया इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षक शिक्षिकांए उपस्थित रहीं।

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