आरा : बिहार के भोजपुर जिलें के पीरों थाना में पुलिस हिरासत में महिला की संदिग्ध मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. यहां सोमवार को मृतक महिला के परिजनों को न्याय दिलाने के लिए कई राजनीतिक पार्टियों और समाजिक संगठनों के लोगों ने थाने का घेराव किया. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जाए, ताकि पीड़िता के परिवार को न्याय मिल सके.
दरअसल, पुलिस को पीरों थाना क्षेत्र के मोथी गांव में सह ग्रामीण चिकित्सक मंतोष कुमार का शव बरामद हुआ था. शव मृतका के घर के पास एक बंद पड़े घर में मिला था. मृतक के भाई शेखर ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई थी. पुलिस ने इसी मामले में 8 सितंबर को शोभा देवी और उसके बेटे प्रकाश कुमार को गिरफ्तार किया था. रविवार की सुबह थाने के बाथरूम में शोभा का शव बरामद हुआ.
परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप
उधर, मृतका के भाई मुन्ना प्रसाद ने पुलिस कस्टडी में मारपीट की वजह से मौत होने का आरोप लगाया है. सोमवार को सैकड़ों राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने थाने का घेराव कर महिला को न्याय दिलाने की मांग की. लोगों को आरोप है कि पहले महिला की पिटाई की गई, अब जब उसकी मौत हो गई, तो पुलिस इसे आत्महत्या करार दे रही है. यह गलत है. समाज में कानून के रक्षक आज भक्षक बन गए हैं.
विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे भाजपा और चंद्रवंशी समाज के नेता अमीत सिंह मंगल ने कहा कि जिस तरह एक निर्दोष महिला और उसके बेटे को बिना सबूत और शक के आधार पर पुलिस ने चार दिनों तक थाने में बंद कर, उसकी बर्बरता से पिटाई की है और उसकी हत्या को आत्महत्या करार दे रही है, यह सरासर गलत है.
एसपी ने तीन महिला पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया
महिला शोभा देवी की संदिग्ध मौत के मामले में एसपी विनय तिवारी ने लापरवाही की बात मानते हुए अफसरों पर कार्रवाई की. उन्होंने पीरो थानाध्यक्ष अशोक चौधरी और ओडी पदाधिकारी दारोगा राजकुमार हेब्रम को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया. इससे पहले रविवार को एसपी ने पीरों थाना में तैनात तीन महिला सिपाहियों को निलंबित कर दिया था.