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धर्मांतरण के विरोध में आक्रामक हुई भाजपा, आजाद चौक से पैदल चलकर राजभवन पहुंचे नेता-कार्यकर्ता

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रायपुर : धर्मांतरण के मुद्दे पर भाजपा का राजनीतिक अभियान गरमाने लगा है। आज भारी बरसात के बीच भाजपा के वरिष्ठ नेताओं-कार्यकर्ताओं ने तरबतर होते हुए पैदल मार्च निकाला। प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय की अगुवाई में भाजपा ने आजाद चौक स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा तक पैदल मार्च निकाला। भाजपा नेता राज्यपाल अनुसूईया उइके को ज्ञापन देने गए हैं। प्रदेश भाजपा के नेताओं ने धर्मांतरण के मुद्दे पर दोपहर एक बजे एकात्म परिसर कार्यालय में एक बैठक की। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय की अगुवाई में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, सांसद सरोज पाण्डेय, रामविचार नेताम, सुनील सोनी, विधायक बृजमोहन अग्रवाल, शिवरतन शर्मा, अजय चंद्राकर, भाजपा जिलाध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी, पूर्व मंत्री राजेश मूणत जैसे नेता आजाद चौक पहुंचे। तब तक बरसात शुरू हो चुकी थी। भाजपा नेताओं-कार्यकर्ताओं ने भारी बरसात में ही मार्च शुरू कर दिया। कार्यकर्ता नारेबाजी करने लगे। इसमें राज्य सरकार पर धर्मांतरण को शह देने का आरोप लगाया गया। भाजपा के नेता राज्यपाल अनुसूईया उइके से मिलने गए हैं।

पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने शुक्रवार को कहा था, भाठागांव में धर्मांतरण की शिकायत लेकर पुरानी बस्ती थाने गए थे। पुलिस ने जिनके खिलाफ आरोप था, उन पादरियों को बुलाया। पादरी ने युवकों को उकसाया। कहा कि हम थाने में बैठे हैं कोई हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकता। इसी बात को लेकर दोनों गुटों में झड़प हुई। अग्रवाल ने कहा, इस मामले में सिर्फ धर्मांतरण की शिकायत लेकर पहुंचे युवकों जेल भेज दिया गया, जबकि दूसरे गुट पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। बृजमोहन अग्रवाल ने पूछा, ऐसा क्या दिल्ली में बैठे आकाओं के इशारे पर किया गया। क्या प्रदेश में धर्मांतरण भी दिल्ली वाले आकाओं की मर्जी से हो रहा है।

भाजपा ने इसी मुद्दे पर 8 सितम्बर को पुरानी बस्ती थाना घेरने की कोशिश की थी। भाजपा नेता बूढ़ा तालाब धरनास्थल पर इकट्‌ठा हुए। सभा की, उसके बाद थाने का घेराव करने निकले। पुलिस ने बूढ़ेश्वर महादेव मंदिर का तिराहा पार करने से पहले बैरिकेड लगाकर उन्हें रोक लिया। उसके बाद वहां हंगामा हो गया। प्रदर्शनकारियों और पुलिस में झड़प हुई जिसमें दोनों पक्षों के लोगों को कुछ चोटें आई। भाजपा प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड तोड़ दिए। बैरिकेड के साथ खड़ी की पतरों की दीवार में कई स्टील के पतरे नोच कर गिरा दिए। काफी देर बाद पुलिस किसी तरह उन्हें शांत कराने में सफल हो पाई।

धर्मांतरण के मुद्दे पर प्रदेश का माहौल पिछले कुछ महीनों से गरमाया हुआ है। सबसे पहले भाजपा की सरगुजा इकाई ने आरोप लगाया कि वहां रोहिंग्या मुसलमानों को बसाया जा रहा है। फिर बात ईसाई मिशनरियों की सक्रियता की आई। जुलाई में सुकमा एसपी ने मातहतों को एक पत्र लिखकर ईसाई मिशनरियों की गतिविधियों पर नजर रखने को कहा। उनका कहना था, इससे आदिवासियों के मूल और धर्मांतरित समुदायों के बीच तनाव बढ़ सकता है। भाजपा ने उस पत्र के बहाने सरकार को घेरा। विधानसभा में यह मुद्दा उठा। पिछले सप्ताह ऐसी ही भीड़ ने राजधानी के एक थाने में पादरी को पीट दिया। इसमें भाजयुमो से जुड़े दो लोगों को पकड़ा गया है।

मुख्यमंत्री ने भूपेश बघेल ने दावा किया है, भाजपा सत्ता में वापसी के लिए धर्मांतरण का सहारा ले रही है। जबकि सबसे ज्यादा चर्च भाजपा के शासनकाल में ही बने हैं। उन्होंने कहा, बस्तर में जितने भी चर्च बने हैं, उसके आंकड़े देख लीजिए। सर्वाधिक चर्च रमन सिंह के शासनकाल में बने हैं। ये लोग किस मुंह से बात करते हैं धर्मांतरण की। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, वे पहले भी कह चुके हैं, संविधान में व्यवस्था है कि व्यक्ति कोई भी धर्म मान सकता है। लेकिन यदि जबरिया धर्मांतरण किया गया, तो एक भी केस छत्तीसगढ़ में बता दें, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।

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