बिलासपुर : तोरवा पुराना पावर हाउस के पास पेड़ पर दो लंगूरों के बीच भिड़ंत के बाद एक लंगूर की लाश मकान की छत पर मिलने से हड़कंप मच गया। मकान मालिक ने तत्काल इसकी जानकारी पड़ोस में रहने वाले सेवानिवृत्त डिप्टी रेंजर को दी। उन्होंने इसकी सूचना कानन पेंडारी रेंजर को दी। लेकिन, उन्होंने यह कहते साफ मना कर दिया कि मृत लंगूर को नहीं लाते। इस जवाब के बाद सेवानिवृत्त डिप्टी रेंजर ने पड़ोसियों के साथ मिलकर सोमवार की सुबह विधिवत अंतिम संस्कार किया। घटना रविवार रात की है। पुराना पावर हाउस तोरवा में शंकर सोनी का मकान है। इसी से लगा हुआ पीपल का पेड़ है। इसी पेड़ के ऊपर दो लंगूरों में भिड़ंत हुई। इसमें एक की मौत हो गई। वह मकान की छत पर आ गिरा। मृत लंगूर को देखकर मकान मालिक घबरा गए। घबराने की एक वजह मामला वन्य प्राणी का होना भी है। कुछ देर बाद उन्होंने इसकी जानकारी पड़ोस में रहने सेवानिवृत्त डिप्टी रेंजर दीप नारायण शुक्ला को दी। चूंकि वह वन विभाग के कर्मचारी रह चुके हैं। इसलिए उन्होंने संबंधित विभाग के किसी जिम्मेदार अधिकारी को सूचना देने की बात कही। सेवानिवृत्त डिप्टी रेंजर शुक्ला ने वनमंडल के कर्मचारियों के साथ कानन पेंडारी जू प्रभारी भरतलाल धृतलहरे को दी। उन्होंने कहा इसमें हम इसमें कुछ नहीं कर सकते। उसका अंतिम संस्कार कर दें। जवाब गैर जिम्मेदराना था। इससे रहवासी नाराज भी हुए। बाद में सभी ने मिलकर अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया। रात भर लंगूर का शव छत पर ही रहा। सुबह अरपा नदी के किनारे अंतिम संस्कार किया गया। बताया जा रहा है कि इस क्षेत्र में लंगूरों का झुंड लगातार नजर आ रहा है। इसके चलते रहवासी भी सहमे रहते हैं।
पेड़ पर दो लंगूरों में भिड़ंत, एक की छत पर मिली लाश, कानन जू प्रभारी की मनाही के बाद सेवानिवृत्त डिप्टी रेंजर ने किया अंतिम संस्कार
