- 11.30 बजे बड़ी बहन योगमाया और 12 बजे श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की मची धूम
रायपुर । जैसे ही आधी रात को 12 बजे, वैसे ही घर-घर में और मंदिरों में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। जन्माष्टमी की खुशियों में श्रद्धालु झूम उठे। हाथी दीनी, घोड़ा दीनी और दीनी पालकी, नंद घर आनंद भयो जय कन्हैयालाल की के जयकारे गूंज उठे। श्रीकृष्ण जन्म से आधा घंटा पहले रात्रि 11.30 बजे भगवान श्रीकृष्ण की बड़ी बहन योगमाया का जन्मोत्सव पुरानी बस्ती के महामाया मंदिर में मनाया गया। इसके बाद राजधानी के अनेक कृष्ण मंदिरों में जन्माष्टमी का उल्लास छाया रहा। बाल रूप कान्हा को चांदी के झूले में विराजित किया गया। जुगलजोड़ी सरकार का श्रृंगार दर्शन और कान्हा को झूला झुलाने के लिए भक्तों की कतार लगी रही। जवाहर नगर स्थित राधाकृष्ण मंदिर के पंडित लल्लू महाराज ने बताया कि मुख्य पुजारी पं.मलैया महाराज के सान्निाध्य में 251 लीटर दूध से अभिषेक किया गया। शाम को राधे भजन मंडली एवं महिला मंडली ने भजनों से समां बांधा। मंदिर में कारावास के सात दरवाजों की झांकी को फूलों से सजाया गया था। संगीत के माध्यम से बिजली कड़कने, बादल की गड़गड़ाहट और नवजात बच्चे के रूदन की आवाज से उसी तरह का माहौल बनाया गया जैसा श्रीकृष्ण के जन्म के समय का वर्णन शास्त्रों में दिया गया है।
टाटीबंध इस्कान मंदिर
टाटीबंध स्थित इस्कान मंदिर के प्रवक्ता दिलीप केडिया एवं राजेंद्र पारख ने बताया कि मंदिर समिति के एचएच सिद्धार्थ स्वामी के सान्निाध्य में सुबह 4.30 बजे तुलसी आरती की गई। 7.30 बजे श्रृंगार दर्शन, 8.30 बजे धूप आरती के बाद और दुग्धाभिषेक किया गया। दोपहर को राजभोग और रात्रि में छप्पन भोग अर्पित करके 12 बजे महाआरती की गई।
समता कालोनी राधाकृष्ण मंदिर
समता कालोनी स्थित राधा कृष्ण मंदिर के प्रवकता सत्येंद्र अग्रवाल ने बताया कि सुबह नौ बजे दुग्ध अभिषेक किया गया। दोपहर 12 बजे श्रृंगार दर्शन और शाम को भजन-कीर्तन के बाद आधी रात को महाआरती की गई।
मालपुआ का भोग
पुरानी बस्ती स्थित जैतू साव मठ में बाल रूप कान्हा का अभिषेक करके मालपुआ का भोग अर्पित किया गया। कोरोना महामारी के कारण श्रद्धालुओं को मंदिर में बैठाकर भोजन नहीं ककराया गया, बल्कि पैकेट्स में प्रसाद दिया गया। इसी तरह ब्रह्मपुरी स्थित विरंचीनारायण, नृसिंह मंदिर में भी मालपुआ का भोग लगाकर भक्तों को बांटा गया।
सिटी कोतवाली में जन्मे कान्हा
सदरबाजार स्थित सिटी कोतवाली में आधी रात को श्रीकृष्ण जन्म का संक्षिप्त मंचन किया गया। श्री कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव एवं विकास समिति के अध्यक्ष माधव लाल यादव ने बताया कि सिटी कोतवाली के बंदीगृह में वासुदेव और माता देवकी हथकड़ी, जंजीर से बंधे थे। जैसे ही भगवान के जनम का समय हुआ, वैसे ही दो प्रहरी बने दो श्रद्धालुओं ने गहरी नींद में जाने का अभिनय किया। वासुदेव अपने सिर पर टोकरी में श्रीकृष्ण को लेकर बंदीगृह से निकले और कुछ ही दूर गोपाल मंदिर पहुंचे। मंदिर में महाआरती करके जन्मोत्सव मनाया गया। श्रीकृष्ण की इस प्रतिमा का विसर्जन मंगलवार को खारुन नदी में किया जाएगा।