क्राइम वॉच

मासूम से रेप, पांच दिन में चालान, 18 दिन में सुनवाई और अब मरते दम तक कैद

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रायपुर : गोबरा नवापारा थाना क्षेत्र में पिछले महीने 27 जुलाई को सात वर्षीय बच्ची से रेप के आरोप में कोर्ट ने एक युवक को मरते दम तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही कोर्ट ने आरोपी युवक को 23 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया है। मामले की सुनवाई अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक राधिका सैनी की कोर्ट में हुई। मामले की पैरवी लोक अभियोजक यास्मीन बेगम ने की। कोर्ट ने जय कुमार रात्रे उर्फ फुग्गा (22) को कैद और जुर्माने की सजा सुनाई है। जय पर आरोप है कि उसने बच्ची को उसके घर में ही सूनेपन का फायदा उठाते हुए रेप की घटना को अंजाम दिया है। पुलिस द्वारा कोर्ट में पेश केस डायरी के मुताबिक घटना दिनांक को बच्ची की मां-बाप तथा उसकी दादी सुबह खेत पर काम करने गए थे। कोविड के चलता स्कूल बंद होने की वजह से बच्ची घर में अकेली थी। इस बात का फायदा उठाते हुए जय कुमार बच्ची के घर पहुंचा और दरवाजा बंद कर बच्ची के साथ रेप की घटना को अंजाम दिया। घटना की जानकारी बच्ची के माता-पिता को खेत से लौटने के बाद मिली।

दो मामलों की जल्द हुई सुनवाई

कम उम्र की बच्ची के साथ रेप केस में कोर्ट ने दो महीने के भीतर दो मामलों की सुनवाई एक महीने से भी कम समय में पूरी कर आरोपियों को मरते दम तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके पूर्व एक अन्य मामले में कोर्ट ने सौतेले पिता को मरते दम तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। पिछले महीने तेलीबांधा थाना क्षेत्र में अपनी पांच साल की नाबालिग बेटी के साथ रेप के आरोप में कोर्ट ने बच्ची के सौतेले पिता अर्जुन पाल को कैद की सजा दी थी।

पांच दिन में विवेचना पूरी

चालान पेश घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने पांच दिन में विवेचना पूरी कर कोर्ट में केस डायरी पेश की। मामले को लेकर कोर्ट ने 12 अगस्त को गवाहों का बयान दर्ज कर 28 अगस्त को फैसला सुनाया।

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