महेन्द सिंह/पांडुका/ नवापारा राजिम : राजस्व विभाग सहित अन्य कानूनी कार्यवाही हेतु हमेशा स्टांप की जरूरत पड़ती है, गरियाबंद जिले में अंधेर गर्दी मची हुई है 50 का स्टांप 70 से 80, 10 का स्टांप 15 से 20 इसी तरह से 100 का स्टांप 130 से 140 बात यहीं खत्म नहीं होती अब इसमें जो भी करारनामा और कानूनी दस्तावेज के रूप में टाइपिंग करवाया जाएगा उसकी कीमत और नोटरी का चार्ज देखेंगे तो आपके होश उड़ जाएंगे। 50 के स्टांप में किरायानामा और नोटरी के सत्यापन सहित 170 से 200 तक वसूला जा रहा है और डंके की चोट पर स्टांप वेंडर कहते हैं जिसको जहां शिकायत करना है करें वही डिस्टिक ट्रेजरी जहां से स्टांप वेंडरों को स्टांप ईशु किया जाता है वहां भी यही खेल है, भ्रष्टाचार का फैलाव अब बेतरतीब ढंग से हो रहा है अगर हम राजिम तहसील की बात करें तो यहां पर महीने में गरीब किसान सामान्य वर्ग के जेब से लाखों रुपए इस प्रक्रिया के माध्यम से चंद स्टांप वेंडर और उनके गुर्गों के माध्यम से हजम कर लिया जाता है प्रशासनिक अमला कभी यह नहीं देखता कि कथित स्टांप वेंडर आम आदमी की जेब में किस तरह से डाका डाल रहा है। प्रशासन जागेगा 1 जिले में चार या पांच तहसीलें हैं और इनके महीनो के आंकड़े इकट्ठे किए जाएं तो करोड़ो रुपए का व्यारा न्यारा स्पष्ट दिखाई देता है। गरियाबंद जिले की जनता राजस्व विभाग के आला अधिकारियों और छत्तीसगढ़ शासन के मुद्रांक पंजीयक से मांग करती है कि समय-समय पर छापामार कार्यवाही कर आम जनता को इस तरह से सरेआम लुटने से बचाएं।
गरियाबंद जिले में स्टांप की जमकर कालाबाजारी, स्टांप वेंडर जमकर कर रहे ऊगाही
