रायपुर : प्रदेश के उद्योगों पर बिजली संकट के कारण बड़ी आफत आ गई है। स्टील, स्पंज आयरन और रोलिंग मीलों को ही रोज उत्पादन में 40 करोड़ का झटका लग रहा है। पिछले पखवाड़ेभर में 600 करोड़ का फटका लग चुका है। अभी 15 दिनों तक राहत मिलने की संभावना नहीं है। ऐसे में 600 करोड़ का और नुकसान होना तय है। उद्योग लगातार पॉवर कंपनी से गुहार लगा रहे हैं, पर कंपनी बिजली कट का समय भी तय नहीं कर पा रही है। रोज 6 से 12 घंटों तक बिजली कट हो रही है। प्रदेश में मानसून की बेरुखी के कारण कृषि पंप दिन रात चल रहे हैं। ऐसा होने के कारण अचानक बिजली की खपत बढ़ गई है। इस समय खपत 48 से 49 सौ मेगावाट हो रही है। समस्या यह है कि कंपनी के अपने उत्पादन संयंत्रों में दो हजार मेगावाट बिजली भी नहीं बन रही है। आपूर्ति करने के लिए सेंट्रल सेक्टर से रोज तीन हजार मेगावाट बिजली ले रहे हैं, पर वहां से भी इतनी ज्यादा बिजली मिलने में परेशानी हो रही है। यही वजह है कि उद्योगों की बिजली कट की जा रही है।
उत्पादन आधा
राजधानी के उरला और सिलतरा के उद्योगों में उत्पादन आधा हो गया है। मिनी स्टील प्लांट की बात करें तो इनका उत्पादन हर माह दो लाख टन होता है। एक प्लांट में रोज 60 से 70 टन उत्पादन होता है। इसी के साथ रोलिंग मीलों का उत्पादन भी आधा हो गया है। स्पंज आयरन का काम कुछ कम प्रभावित हुआ है, क्योंकि इनके पास अपने बिजली प्लांट भी हैं। सभी का मिलाकर माहभर में करीब 24 सौ करोड़ का उत्पादन होता है। यह आधा हो गया है यानी इस समय 12 सौ करोड़ का उत्पादन हो रहा है। इस हिसाब से रोज का 40 करोड़ का उत्पादन प्रभावित हो रहा है। 15 दिनों से उत्पादन की यही स्थिति है। आगे भी 15 सितंबर से पहले राहत मिलने की संभावना नहीं है।
कभी भी बिजली गुल
उद्योगों से जुड़े कारोबारी बताते हैं, सबसे बड़ी समस्या यह है कि पॉवर कंपनी कभी भी बिजली गुल कर दे रही है। दिन के समय ही दो से तीन बार बिजली कट हो रही है। शाम को पीकऑवर में तो 6 बजे से 11 बजे तो कभी रात को 1 और 2 बजे तक तो कई बार सुबह के 6 बजे तक बिजली बंद हो रही है। ऐसा होने से उत्पादन में बहुत परेशानी हो रही है। एक बार भट्ठी गर्म होने में दो से तीन घंटे लगते हैं। भट्टी गर्म होने के बाद उसमें माल डालने के बाद मालूम होता है कि बिजली बंद कर दी गई है। जब तक बिजली आती है, तब तक भट्ठी ठंडी हो जाती है।
आज होगी चर्चा
उरला एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्विन गर्ग ने बताया, समस्या के समाधान के लिए एक बार फिर से सोमवार को पॉवर कंपनी के अधिकारियों से उरला एसोसिएशन के साथ ही मिनी स्टील प्लांट और स्पंज आयरन एसोसिएशन के पदाधिकारियों की बैठक होगी। इसमें कोई न कोई रास्ता निकालने का प्रयास होगा। उद्योग चाहते हैं, कम से कम बिजली गुल करने का एक समय तय हो, ताकि कुछ परेशानी कम हो। इसी के साथ डिमांड शुल्क को लेकर भी बात होगी कि इसमें राहत दी जाए।
उत्पादन आधा हो रहा
बिजली पूरी न मिलने के कारण सभी उद्योगों का उत्पादन आधा हो रहा है। इसकी वजह से सभी प्लांटों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
– मनीष धुप्पड़, महासचिव, मिनी स्टील प्लांट एसोसिएशन

