प्रांतीय वॉच

हैरतअंगेज़ छूट और लूट का काला सच….. अब होगे बेनकाब…… इस्तीफा भी देना पड़ सकता है?

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अक्कू रिजवी/कांकेर : आदिवासी क्षेत्रों में और खासकर Baster संभाग के अधिकांश स्थानों पर हैरत अंगेज तरीकों से छूट के नाम पर इन गाडियों को लेने में लूट मची हुई है और लूट के साथ छुट का काला सच दिखाकर इन वाहनों को हजारों की संख्या में बेचा गया है और बेचा जा रहा है पर कैसे और क्यों इसकी जांच गोपनीय तरीके से शुरू हो चुकी है ऐसी खबर है पर जो खबर हाथ लगी है वह काफी चौकाने वाली है की इस खेल का जब भी भंडाफोड़ होगा ” कई ” सफेदपोश का पोश उतरते नज़र आयेगा !
पिछले कुछ समय से अचानक मार्केट में सुजुकी कंपनी की 125 C.C.दोपहिया वाहनों की बिक्री में अचानक बाढ़ आ जाने से दाल में कुछ काला नज़र आने लगा और केशकाल, फरसगांव, माकडी़ कोंडागांव और कांकेर सहित अंदर गांवों में इन दो गाडियों को दलालों के माध्यम से बेचकर बेसुमार धन कमाने की बात सामने आयी है !
अचानक आये वाहनों की बिक्री उछाल के पीछे का सच तो ” हैरान करने की ” ही है और बस्तर संभाग और kanker जिले की RTO टीम और विभाग के अधिकारियों के कानों तक खबर नहीं लगी और ना ही है और तो और अधिकांश वाहनों के नंबर प्लेटो पर अभी तक नंबर तक नहीं है जो खुलेआम प्रशासन और RTO के नाक के नीचे सड़कों पर यह वाहन दौड़ रही है !
बताया यह जा रहा है कि सुजुकी कंपनी के इन दोपहिया वाहनों का मूल्य लगभग 103311 /- हजार है तो दूसरे का 95000/- के आसपास पर इसे मात्र 70000 और 60000/- में बेचा जा रहा है और कागजात का भरोसा , नहीं फिर भी लोग इसे छूट का छूट मानकर जमकर खरीदी कर रहे हैं परन्तु यह समझ से परे है कि लाखों की वाहन मात्र 65000/- में किस खुशी और किस गणित से बेचा जा रहा है और खरीददार भी बगैर कोई पावती ,रसीद – कागजात एवं बगैर नम्बर के धड़ल्ले से अपनी चमचमाती न्यू गाड़ी दौड़ा रहे हैं ?

सट्टेबाजों का सौदा ….?

लगभग 1 लाख के की कीमत के करीब इन दोपहिया वाहनों के पीछे का सच शायद ” सट्टेबाजी ” को माना जा रहा है और इतने कम समय में पूरे Market में कम कीमत पर हजारों गाडियों को बिना कागजात और फायनेंस का कुछ फंडा के बेच देना ,किसी बडे़ षडयंत्र का हिस्सा हो सकता है पर जो सूत्र हाथ लगे हैं वह सट्टे बाजार से जुडा़ हुआ है और IPL के दौरान इन दोनों गाडियों की बिक्री की कोई सीमा नहीं थी ? इस मामले को लेकर कुछ वरिष्ठ आदिवासी नेता बस्तर संभाग के कमिश्नर व अन्य अधिकारियों से मिल पूरे मामले की सूक्ष्म जांच की मांग के साथ आदिवासी क्षेत्रों में इस प्रकार छल कपट दा्रा बेचे गये वाहनों और संबंधित दलालों के खिलाफ भी जांच करने की मांग के साथ शिकायत होने की सुगबुगाहट है !

पता नहीं और Phone ….

शहर के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में इन दो वाहनों की बेसुमार बिक्री के संबंध में जिले के परिवहन अधिकारी से इस संबंध में पूछा गया तो …” ऐसा लगा की वे पहले समझे नहीं और समझे तब तक विडियों Confrence का आरंभ और बात हुयी की मेरे Whatsapp में डिटेल भेजिए देखता हूँ पर देखे की नहीं मालूम पर कार्यवाही शून्य ”…पर जांच का भरोसा काफी कम है क्योंकि यह गाडी़ शहर में लगभग हजारों की संख्या में पुलिस और यातायात पुलिस के नाक के नीचे दौड़ रही है पर काले चश्मे के आगे सब धुंधला ही दिखता है साहब ?

शिकायत की हाईलेवल की तैयारी ….

Baster संभाग में इस कंपनियों की और ये दो वाहनों की बिक्री का अंदाजा तो नहीं लगाया गया है पर इन वाहनों की बिक्री का पूरा सच जानने के लिए जरूर कुछ लोगों ने कंपनियों तक दौड़ लगाने व शिकायत की बात दोहराई है और छत्तीसगढ़ के परिवहन मंत्री से लेकर विभाग के अधिकारियों तक शिकायत की बात भी कही है पर शिकायत कौन व कब की जायेगी ,यह काफी गोपनीय रखा गया है पर हाईलेवल तक शिकायत की तैयारी की जा रही है। देखना अब यह है कि समाचार प्रकाशन के पश्चात जिला प्रशासन व शासन क्या कार्यवाही करती है यह तो वक्त पर निर्भर है पर हाईलेवल पर शिकायत के बाद कार्यवाही शुरू होगी ,ऐसा लगता है ?

नये DiG व SP से होगी शिकायत ….

कुछ रसूखदार परिवार के बच्चें व कुछ Politics में जबरन व जबदस्त तरीकें से एडजेस्ट किये गये सट्टेबाजो को हालांकि पूर्व officers बचाते रहे पर अब ऐसा नहीं होगा ,, इस मामले को लेकर जल्द कुछ Journalist नव नियुक्त DiG और पुलिस अधीक्षक के अलावा RTO अफसरों से मिल नये सिरे से जांच का निवेदन कर दोषियों के खिलाफ कढी़ से कढी़ कार्यवाही की मांग कर सकते हैं ,, हालांकि सूत्रों की माने तो इस खबऱ के प्रकाशन व वायरल के बाद Political व बाजा़र में भूचाल आ गया था और वो भूचाल आज कुछ ठंडा पड़ गया है । इस गाडी़ के मामले पर जो सूत्र व जानकारी हाथ लगी है इसमें बडे़ – बडे़ सट्टेबाजों का पैसा लगा है और जो करीब उस वक्त 20 से अधिक वाहन खरीद कर रखे हुए थे और RTO विभाग में इसकी कोई जानकारी तक नहीं थी और हजार गाडियां सड़कों पर बिना नंबर की युं ही दौड़ती रही Police मुखदर्शक बनी रही ,पर अब ऐसा नहीं होगा ?
जांच अगर सही हुयी तो कुछ poltical party के नेताओं को इस्तीफा तक देना पड़ सकता है !

पुलिस के हाथ लगे कुछ सुराख …

कोतवाली के नये कोतवाल ‘ शरद दुबे ‘ के पदभार ग्रहण करते ही जरूर कुछ सफेदपोश चेहरों के चेहरे देखने लायक हो गये है क्योंकि उनकी कार्यशैली ही कुछ अलग ही है और 70 हजार देकर नयी दुचकिया वाहन की जांच भी अब धीरे -धीरे कदम रख रही है सूत्रों के मुताबिक लाखों रुपए की गाडी़ मात्र कुछ ही दामों में बेचने का गोरखधंधा का काला सच जल्द पुलिस उजागर कर सकती है और इस मामले में शिकायत के बाद भी पुराने RTO साहब की भूमिका भी संदिग्ध ही रही है लेकिन नये कोतवाल ने इसे लेकर काफी गंभीर दिख रहे हैं और इसकी जडो़ तक जाने की बात भी बातचीत में कही है !

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