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राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना से प्रत्येक परिवार को मिलेगी 6 हजार रुपये की सहायता राशि

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  • पात्र हितग्रायिों का 1 सितम्बर से 30 नवम्बर 2021 तक होगा पंजीयन

नरसिंह मंडावी/नारायणपुर : कलेक्टर धर्मेश कुमार साहू के निर्देश पर बीते शुक्रवार 27 अगस्त को राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के संबंध में राजस्व, कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ ग्राम पंचायतों के सचिवों को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण जिला पंचायत के सभाकक्ष में आयोजित किया गया। बैठक में संयुक्त कलेक्टर श्री गौरीशंकर नाग, जनपद पंचायत ओरछा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी रामांचल यादव, लीड बैक आफिसर श्री कश्यप सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में संयुक्त कलेक्टर श्री गौरीशंकर नाग ने बताया कि शासन द्वारा भूमिहीन कृषि मजदूर के आर्थिक उत्थान के लिए महत्वपूर्ण योजना बनाई गई है। ग्रामीण आबादी का एक बड़ा हिस्सा कृषि मजदूरी पर निर्भर है। इसका बेहतर तरीके से क्रियान्वयन हो, सभी संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने योजना के उद्देश्य, योजना का कार्यक्षेत्र, क्रियान्वयन एजेंसी, हितग्राही परिवार की पात्रता, प्रदान की जाने वाली अनुदान सहायता राशि, हितग्राही परिवारों का पंजीयन, हितग्राही परिवारों के सत्यापन सहित अन्य विषयों पर विस्तृत चर्चा की और जरूरी निर्देश दिये। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत् पात्र हितग्रायिों का 1 सितम्बर से 30 नवम्बर 2021 तक पंजीयन किया जायेगा ।
श्री नाग ने बताया कि योजना का सीधा उद्देश्य भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों की पहचान कर वार्षिक आधार पर आर्थिक अनुदान उपलब्ध करा कर उनकी शुद्ध आय को बढ़ाना है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों के अंतर्गत चरवाहा, बढ़ई, लोहार, मोची, नाई, धोबी, पौनी पसारी व्यवस्था से जुड़े परिवार, वनोपज संग्राहक तथा शासन द्वारा समय-समय पर नियत अन्य वर्ग भी पात्रता रखेंगे। यदि उस परिवार के पास कृषि भूमि नहीं है। भूमिहीन कृषि मजदूर से तात्पर्य ऐसे व्यक्ति से है जिसकी जीविका का मुख्य साधन शारीरिक श्रम है और उसके परिवार के किसी भी सदस्य के पास कृषि भूमि नहीं है। ग्रामीण क्षेत्रों में जिन परिवारों के पास कृषि भूमि नहीं हैं वह सभी इस योजना के लिए पात्र होंगे। ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों के मुखिया को अनुदान सहायता राशि प्राप्त करने के लिए आवेदन पत्र देना होगा। योजना अंतर्गत राज्य शासन द्वारा पंजीकृत भूमिहीन कृषि मजदूरों को सालाना 6 हजार रुपये अनुदान दिया जाएगा।

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