नई दिल्ली : अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद भारत में भी बयानबाजी तेज हो गई है। कुछ लोग तालिबान के पक्ष में खड़े नजर आ रहे हैं तो कुछ लोग अफगान नीति पर अपनी ही सरकार के विरुद्ध पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की जुबान बोल रहे हैं !इस बार मोदी सरकार के खिलाफ ताजा बयान आया है AIMIM पार्टी के सांसद असदुद्दीन ओवैसी का। असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि“भारत सरकार को अफगानिस्तान की महिलाओं और बच्चों की चिंता नहीं करना चाहिए, क्योंकि महिलाओं की उससे ज्यादा खराब हालत भारत में है”।
वहीं ओवैसी की नजर में तालिबान के आने से सबसे ज्यादा फायदा पाकिस्तान को होगा। बकौल ओवैसी, भारत में 5 साल से कम की उम्र में ही 9 में से 1 बच्ची की मौत हो जाती है। यहां महिलाओं के प्रति अपराध और दुष्कर्म के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन हमारी सरकार को चिंता अफगानिस्तान में फंसी हुई महिलाओं की ज्यादा है। तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जे से सबसे ज्यादा फायदा पाकिस्तान को हुआ है। अलकायदा जैसे आतंकी संगठन फिर से अफगानिस्तान के कुछ इलाकों में सक्रिय हो गए हैं। आईएसआई पहले से ही भारत का दुश्मन है। हमें यह याद रखना चाहिए कि आईएसआई ही तालिबान को कंट्रोल करता है और तालिबान उसके हाथों की कठपुतली है। इस बीच, केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने ओवैसी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है, बेहतर होगा हम ओवैसी को अफगानिस्तान भेज दें, ताकि उनकी महिलाओं और उनकी कम्युनिटी की सुरक्षा हो सके।
पूरी दुनिया जानती है कि तालिबान एक आतंकी संगठन है, फिर भी कुछ लोग अफगानिस्तान पर बंदूक के दम पर उसके कब्जे को आजादी की लड़ाई बता रहे हैं। तालिबान का समर्थन करने वालों में कुछ भारतीय भी शामिल हैं। मशहूर शायर मुनव्वर राना के साथ ही मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य सज्जाद नोमानी तालिबान की तारीफ कर चुके हैं। अब डॉ. कुमार विश्वास ने ऐसे ही भारतीयों पर अपने ट्वीट के जरिए तंज कसा है। कुमार ने अपनी ट्वीट में लिखा, ज़्यादा दिमाग़ न लगाइए।अगर पड़ोस के घर में मची अफ़रातफ़री के कारण,ज़िंदगी भर आपसे इज़्ज़त पाने वाले और आपके घर में रह रहे, बदबूदार सोच से भरे किसी जाहिल शख़्स का पर्दाफ़ाश हो रहा है तो शोक नहीं, शुक्र मनाइए कि दो पैसे की प्याली गई (वो भी पड़ोसियों की) पर कुत्ते की जात पहचानी गई।
सज्जाद नोमानी का तालिबान पर बयान: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य सज्जाद नोमानी ने कहा, एक निहत्थी कौम ने दुनिया की मजबूत फौजों को शिकस्त दी। 15 अगस्त 2021 यह तारीख का दिन बन गया, जब अफगानिस्तान की सर जमीन पर एक बार फिर यह तारीख रकम हुई, एक निहत्थी और गरीब कौम ने जिसके पास न साइंस न टेक्नोलॉजी न व्यवसाय न दौलत न हथियार और न तादात, उसने पूरी दुनिया की सबसे ज्यादा मजबूत फौजों को शिकस्त दी, जो कौम मरने के लिए तैयार हो जाए, उसे दुनिया में कोई शिकस्त नहीं दे सकता, मुबारक हो इमालते इस्लामिया अफगानिस्तान के कायदीन को, आपका दूर बैठा हुआ यह हिंदी मुसलमान आपको सलाम करता है, आपकी अजमत को सलाम करता है, आपके हौंसले को सलाम करता है !
मुनव्वर राना ने फिर खोला मुंह: शायह मुनव्वर राना ने पहले तालिबान और उनकी इस जीत का समर्थन किया, फिर सवाल उठे तो और जहर उगला। उन्होंने कहा, जितनी क्रूरता अफगानिस्तान में है, उससे ज्यादा क्रूरता तो हमारे यहां पर ही है। पहले रामराज था लेकिन अब सब बदलकर कामराज है। उत्तर प्रदेश में भी थोड़े बहुत तालिबानी हैं, यहां सिर्फ मुसलमान ही नहीं बल्कि हिंदू तालिबानी भी होते हैं।