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SKS इस्पात के बाहर 500 पुलिस बल तैनात: हड़ताल पर आगजनी मामले में 60-70 मजदूर हिरासत में, 40 मजदूरों के खिलाफ गंभीर धाराओं के तहत FIR दर्ज

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रायपुर : सिलतरा स्थित SKS इस्पात के हड़ताल पर हंगामा इस कदर बढ़ा कि श्रमिकों ने पुलिसकर्मियों की बस जला दी। इस मामले में अब पुलिस SKS इस्पात के बाहर करीब 500 की संख्या में पुलिस बल की तैनाती है। मजदूरों का आंदोलन बंद हो गया है। फैक्ट्री के क्वॉटर और आस-पास की बस्तियों में छुपे मजदूरों को पुलिस ढूंढ रही है। करीब 60-70 मजदूरों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। लगभग 40 मजदूरों के खिलाफ बलवा, आगजनी, मारपीट समेत कई गंभीर धाराओं के तहत FIR दर्ज होगी। आपको बता दे, सिलतरा स्थित SKS इस्पात में वेतन वृद्धि की मांग को लेकर मजदूरे धरने पर बैठे थे. इस बीच पुलिस को मौके पर पहुंची थी. जहां पुलिस और मजदूरों के बीच झड़प हो गई. मजदूरों ने बस को आग लगा दी . मजदूरों की हड़ताल की वजह से SKS इस्पात में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है.इस घटनाक्रम को लेकर SKS इस्पात के मालिक दीपक गुप्ता ने कहा कि इस्पात के मजदूरों की हड़ताल में कुछ असामाजिक तत्व और उपद्रवी शराब पीकर घुस गए थे, जिसके चलते पुलिस जवानों पर हमला और फैक्ट्री के अंदर घुसकर भी तोड़फोड़ की गई है. फैक्ट्री प्रबंधन जुलाई में ही कर्मचारियों की वेतन वृद्धि कर उन्हें तनख्वाह भेज चुका है. ये आंदोलन केवल माहौल खराब करने के लिए किया गया है, जिससे कुछ लोगों को फायदा पहुंचाया जा सके. इस्पात के लगभग 90 प्रतिशत मजदूर काम पर लौटने के लिए तैयार थे, लेकिन कुछ लोगों ने उन्हें काम पर जाने से रोका है.अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण लखन पटले ने बताया कि एसकेएस इस्पात के मजदूर अपनी मांग को लेकर हड़ताल कर रहे थे, लेकिन सूचना मिली की हड़ताल में कुछ उपद्रवी लोग शराब पीकर घुस गए हैं. जो माहौल खराब कर रहें है. हड़ताल में पुलिस बल पहुंचा, जिसके बाद पुलिस जवानों पर पथराव किया गया है. पुलिस बस में आग लगाई गई, जिससे बस 20-30 प्रतिशत जल चुकी है. पुलिस बल ने माहौल पर काबू पा लिया है. हड़ताल करने वाले मजदूरों से पूछताछ की जा रही है. पुलिस पूरे मामले में कई धाराओं के तहत कार्रवाई करेगी.पुलिस हिरासत में आए मजदूरों ने कहा कि हम झड़प में नही थे. हम तो ठेकेदार के आदमी हैं, लेकिन पुलिस बल ने हमें जबरदस्ती मारपीट कर बंद कर दिया है. फैक्ट्री प्रबंधन की ओर से कुछ असामाजिक तत्व मजदूरों की हड़ताल में घुसे थे, जिन्होंने ये पूरी घटना की है.

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