रायपुर: कोरोना संक्रमण काबू में है। इसका सबसे बड़ा प्रमाण है, स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट। जिसके मुताबिक रायपुर शहर में एक भी संक्रमित मरीज की पुष्टि नहीं हुई। जिले के आंरग में व्यक्ति संक्रमित मिला। 16 महीने के लंबे इंतजार के बाद यह 17 अगस्त सबसे बड़ी राहत की खबर लेकर आया। बीते 24 घंटे में प्रदेश में कुल 56 लोग संक्रमित पाए गए। 9 जिलों में शून्य मरीज मिले। सर्वाधिक 7-7 मरीज दुर्ग और बस्तर जिले में रिपोर्ट हुए। एक व्यक्ति की संक्रमण से मौत हुई। संक्रमण दर 0.2 प्रतिशत रही। मगर, इस सबके बीच राज्य में वैक्सीन संकट खड़ा हो गया है, जो आज कोरोना की तीसरी लहर को रोकने का सबसे बड़ा हथियार है। राज्य में तकरीबन 2.50 लाख लोगों को कोवैक्सीन का दूसरा डोज लगना है। इनमें से शत-प्रतिशत लोगों के पहले डोज के बाद दूसरे डोज के लिए निर्धारित 28 दिन बीत चुकी हैं। हजारों ऐसे लोग हैं जिनके 42 दिन पूरे होने जा रहे हैं। मगर, राज्य स्वास्थ्य विभाग के पास वैक्सीन नहीं है। लोगों को टीकाकरण केंद्रों से मायूस घर लौटना पड़ रहा है। कई केंद्रों में कोवैक्सीन न होने की वजह से हंगामा और झगड़े की खबरें भी हैं। वहीं स्वास्थ्य विभाग तक शिकायतें भी पहुंच रही हैं। विभागीय अधिकारी भी परेशान हैं, क्योंकि वैक्सीन ही नहीं है।
अब तक की स्थिति
राज्य में अब तक 1.09 करोड़ लोगों कोविशील्ड का डोज लगा है। जबकि महज 14.05 लाख को ही कोवैक्सीन लगी है। अगर, राज्य को केंद्र से पर्याप्त मात्रा में कोवैक्सीन मिलती तो आज राज्य में सेकंड डोज लगाने वालों की संख्या कहीं अधिक होती। ज्यादा लोग सुरक्षित होते। उधर, मंगलवार को रायपुर शहर के 90 टीकाकरण केंद्र में से किसी में भी कोवैक्सीन की उपलब्धता ही नहीं थी। घबराएं नहीं- विशेषज्ञों का कहना है कि घबराएं नहीं। सेकंड डोज के लिए 42 दिन की अधिकतम समय सीमा है। उससे कुछ दिन अधिक भी होने से कोई परेशानी नहीं है। वैक्सीन का इंतजार करें।