- बिजली दर के बढ़ोतरी के विरोध में प्रदेश भर में निकाली जाएगी कंडील यात्रा
- नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने बढ़ते बिजली दर पर जताया विरोध
नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि विद्युत नियामक आयोग ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए घरेलू बिजली की औसत दर 6.41 निर्धारित की है जो पिछले वर्ष 5.93 यूनिट थी अब यह दर पिछले साल की तुलना में 48 पैसा अधिक होगा। उन्होंने कहा कि जब हम सरकार में थे, तब पूरे प्रदेश में सरप्लस इलेक्ट्रिक स्टेट के रूप में ख्याति प्राप्त कर चुके थे, लेकिन जब से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आयी है बिजली कटौती से समाज का हर वर्ग परेशान है। प्रदेश के किसी शहर, गांव, टोले में विद्युत की आपूर्ति सही नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के इस फैसले से किसान से लेकर मजदूर तक हर व्यक्ति परेशान है। अब तो परिस्थितियां यह हो चली है कि नए कनेक्शन लेने में भी आम उपभोक्ताओं के काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कर्ज में डूबी प्रदेश की कांग्रेस सरकार को जरा भी प्रदेश वासियों की चिंता नहीं है। आखिरकार कोरोना जैसे हालत के बीच बिजली बिल की दर में बढ़ोतरी कर प्रदेश की सरकार क्या साबित करना चाहती है वह खुद ही जानती है। सबको अंधेरे में रख कर आखिरकार किस उजाले की बात प्रदेश की सरकार करती है, वह समझ से परे है। हालात तो इतने दुखदायी है कि प्रदेश की सरकार अब ट्रांसफार्मर तक भी नहीं बदल पा रही है इससे दुखद और क्या हो सकता है। नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि प्रदेश की सरकार को जनहित में बिजली बढ़ोतरी का फैसला वापस लेना चाहिए। इस मौके पर भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व मंत्री राजेश मूणत व भाजपा प्रदेश मीडिया विभाग के प्रभारी नलिनीश ठोकने मौजूद थे।