प्रांतीय वॉच

कसडोल क्षेत्र में अवैध शराब की सप्लाई व बिक्री जोरो पर

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  • छोटी मोटी कार्यवाही कर अपनी पीठ थपथपा रही कसडोल पोलिस
  • खुलेआम गली मोहल्लों में बिक रही शराब, पुलिस प्रशासन सुस्त

पुरुषोत्तम कैवर्त/कसडोल : कसडोल में प्रशासन और अवैध शराब विक्रेताओं की मिलीभगत से अवैध रूप से शराब की सप्लाई व बिक्री जोरों पर कराई जा रही है, जिस पर यह कहना गलत नही होगा की पुलिस प्रशासन की भी मौन स्वीकृति बानी हुई है। नगर के लगभग सभी वार्डों, गली, मोहल्लों में अवैध शराब का कारोबार जोरो पर चल रहा है साथ ही क्षेत्र में ऐसा एक भी गाँव नही होगा जहां अवैध शराब न बिकता हो। फलस्वरूप युवा पीढ़ी नशे की गिरफ्त में फंसते जा रहे है आलम यह है कि शाम होते ही गांव गली में महिलाएं व बच्चो को घर से बाहर निकल मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा कुछ अवैध शराब विक्रेता घरों में भी एक फोन कॉल पर ही शराब की डिलीवरी कर रहे हैं। नगर में कई जगहों पर अंग्रेजी व देशी अवैध शराब के अड्डे बने हुए हैं, लेकिन वर्तमान में अगर देखा जाए तो शासन, प्रशासन के मिलीभगत से अवैध शराब निर्माताओं द्वारा गाँव सहित नगर के वार्डो में भी अवैध रूप से शराब की सप्लाई कमीशन पर जोरों से कराई जा रही है। जिससे यह ज्ञात होता है कि पुलिस प्रशासन भी इस अवैध कारोबार में लिप्त है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शहर की नगर पंचायत की सीमा में 15 वार्ड आते हैं, जिसमें कुछ वार्डों को छोड़कर पूरी तरह यह कारोबार मकड़ जाल की तरह फैल हुआ है, अगर इस संबंध में किसी भी परेशान महिला, गरीब, बेसहारा लोगों द्वारा शिकायत किये जाने पर विभाग द्वारा मात्र खानापूर्ति कार्यवाही कर छोड़ दिया जाता है। जिससे बेखौफ अवैध शराब विक्रेताओं के हौसले बुलंद होते जा रहे है, वहीं दूसरी तरफ पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा लक्ष्य पूरा करने के लिए स्थानीय पुलिस प्रशासन पर इस अवैध शराब के कारोबार को लेकर दबाव डाला जाता है, तो स्थानीय पुलिस व आबकारी विभाग द्वारा मिलकर उन चुनिंदा लोगों के खिलाफ जब्ती की कार्रवाई की जाती है। बाद में उन्हें छोड़ दिया जाता है। घरों में अवैध शराब की सप्लाई के चलते परिवारों में भी आपसी झगड़े बढ़ रहे हैं। शराबी भी शराब पीकर रोज सुबह शाम ही मंदिरो व स्कूलों के आसपास मंडराने लगते हैं जिससे मंदिर जाने वाली महिलाओ और स्कूल के छात्र-छात्राओं व आम लोगो को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

लॉक डाउन से बिगड़े हालात

लॉकडाउन के चलते प्रदेश सरकार ने शराब के विक्रय पर पूरी तरह से रोक लगाई थी। शराब पर रोक लगाए जाने के बाद भी कुछ लोग धड़ल्लेे से महुआ शराब बनाकर पाउच के माध्यम से अवैध शराब की सप्लाई व बिक्री करने से नहीं चूक रहे थे। क्षेत्र में महुवा शराब का निर्माण व सप्लाई अभी भी जोरो पर है। सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है कि ऐसे लोग अवैध शराब की बिक्री करने में लगे हुए थे जो अपने वाहनों पर ऑन ड्यूटी का पर्चा चिपकाए हुए थे, जिसके चलते पुलिस भी ऐसे लोगों की किसी प्रकार से कोई जांच नहीं कर पा रही थी। प्रदेश सरकार ने शराब दुकानों को इसलिए प्रतिबंधित किया था कि शराब दुकानों पर ग्राहकों के द्वारा सुरक्षित शारीरिक दूरी का ध्यान नहीं रखा जाता है, इसके साथ ही यहां लोग मास्क लगाकर भी नहीं पहुंचते है। शराब की दुकानें यदि खुलती तो लॉकडाउन का खुला उल्लंघन भी होता, लिहाजा शासन, प्रशासन ने इन शराब की दुकानों को बंद करने का निर्णय लिया था। इसकी भनक लगते ही शराब ठेकेदारों ने भारी मात्रा में शराब का जखीरा अन्यत्र सुरक्षित स्थानों पर रखवा दिया था। लॉकडाउन होते ही शराब माफिया ने अपने आदमियों को शहर के मोहल्लों सहित ग्रामीण अंचलों में सक्रिय कर दिया। बताया जाता है कि जिन लोगों की अत्यावश्यक वस्तु अधिनियम के तहत आने जाने के लिए ड्यूटी लगी हुई थी, उन्ही के मार्फत यह अवैध शराब संबंधित व्यक्ति तक आसानी से पहुंचाई जा रही थी, जिसमें किसी प्रकार का कोई रिस्क ही नहीं था, लेकिन पुलिस के द्वारा ऐसे किसी वाहन चालकों को रोककर उनसे कोई पूछताछ नहीं की गई।

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