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जवान के बेटे से 3 लाख की ऑनलाइन ठगी

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बिलासपुर : इंटरनेट से कस्टमर केयर नंबर सर्च कर फोन लगाना युवक को महंगा पड़ गया। ठगों ने उसके खाते से 3 लाख रुपए पार कर दिए। इस वारदात में बैंक की तरफ से बड़ी लापरवाही सामने आई है। पीड़ित ने शुरुआत में 14 हजार गायब होने पर बैंक में ठगी की सूचना दी थी, बावजूद इसके बैंक ने अकाउंट को होल्ड नहीं किया। बाद में 2.86 लाख रुपए ठगों ने उनके खाते से और पार कर दिए। पीड़ित की शिकायत पर सकरी पुलिस केस दर्ज कर मामले की जांच कर रही है। सकरी बटालियन में रहने वाले कृष्णा राठौर (29) ने धोखाधड़ी की शिकायत की है। उसके पिता बटालियन में पदस्थ है। पीड़ित ने बताया कि मंगलवार को उनके खाते से 295 रुपए कट गए थे। इसकी जानकारी लेने के लिए वे सकरी स्टेट बैंक की शाखा में गए। बैंक कर्मियों ने बताया कि उनके अकाउंट से एयू बैंक के खाते में राशि गई है। साथ ही बैंक कर्मियों ने एयू बैंक से संपर्क करने को कहा। इस पर कृष्णा ने इंटरनेट से एयू बैंक का कस्टमर केयर नंबर निकाला। बैंक से ही उन्होंने कस्टमर केयर में बात की। इस दौरान मिले निर्देश का पालन करने पर उनके खाते से 14 हजार रुपए और निकल गए। इसकी उन्होंने बैंक कर्मियों को जानकारी दी। बैंक कर्मियों ने उनकी बाकी राशि सुरक्षित होने की जानकारी दी। वे घर लौट आए। घर लौटते ही उनके खाते से रुपए निकलने लगे। वे फिर से बैंक पहुंचे। तब तक उनके खाते से दो लाख 86 हजार रुपए निकल गए थे। उन्होंने बैंक में फिर अपने खाते के संबंध में जानकारी ली। बैंक कर्मियों ने मदद नहीं करने की बात कही। उन्होंने अपने खाते को होल्ड कराया। इसके बाद घटना की शिकायत सकरी थाने में की। पुलिस केस दर्ज कर मामले की जांच कर रही है।

बैंक कर्मियों की लापरवाही आई सामने

घटना के वक्त कृष्णा बैंक में ही मौजूद थे। उन्होंने इसकी जानकारी बैंक कर्मियों को भी दी। इसके बाद भी बैंक कर्मियों ने उन्हें धोखाधड़ी के संबंध में जानकारी नहीं दी। साथ ही उनके अकाउंट को होल्ड भी नहीं किया। इस दौरान बैंक कर्मियों ने रुपए सुरक्षित होने का आश्वासन भी दिया। बैंक कर्मियों ने उन्हें सावधान किया होता तो उनके रुपए बच सकते थे।

ऑन लाइन नंबर सर्च करने में रखें सावधानी

पिछले कुछ महीनों में लगातार ऐसे मामले आ रहे हैं जिसमें ऑनलाइन नंबर तलाश कर उसमें कॉल करने से फ्राड हो रहा है। साइबर एक्सपर्ट के मुताबिक ऑनलाइन ठगों ने अब यह नया तरीका निकाला है। इन लोगों ने अपने नंबर कई बैंकों, रेलवे, ऑन लाइन फूड डिलवरी जैसी कई कंपनियों के कस्टमर केयर के नाम पर डाल रखे हैं। गूगल में सर्च करने पर कंपनियों के वास्तविक नंबरों के साथ फ्राड नंबर भी दिखते हैं। कस्टमर उसमें कॉल कर यह मानते हैं कि उन्होंने कंपनी, बैंक में फोन किया है। इस तरह वो ठगों के झांसे में आते हैं, फिर जो डिटेल उनसे मांगा जाता है उसे वे दे देते हैं और ठगी के शिकार होते हैं।

एक्सपर्ट का कहना है कि इंटरनेट से खोजे गए नंबर पर बेहद सावधानी से कॉल करना चाहिए और उन्हें किसी भी तरह ऐसी जानकारी नहीं देना चाहिए जो हमारी व्यक्तिगत हो। हमारा नाम, नंबर और दूसरी जानकारी कंपनी के पास होती है, इसलिए यदि कोई हमसे यह जानकारी मांग रहा है तो सतर्क हो जाना चाहिए।

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