रवि सेन/बागबाहरा : राज्य शासन द्वारा विकासखंड परिसीमन की अधिसूचना जारी होने के बाद से कोमाखान को नए ब्लॉक बनाये जाने की मांग सुवरमाल गढ़ सामिति द्वारा किया गया था । इस सामिति द्वारा सत्र 2006 से ही एक सामिति निर्माण कर कोमाखान को ब्लॉक बनाने की मांग लगातार किया जा रहा है वही ग्रामीणों एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा समय – समय पर कोमाखान ब्लॉक बनाने की मांग को लेकर ब्लॉक स्तर से लेकर राज्य के शिर्ष स्तर तक के जनप्रतिनिधियों एवं नेताओ से मांग पत्र देने सहित आंदोलन कर चुके है ।
बतादे की महासमुन्द जिला मुख्यालय से लगभग 47 किमी दूर बसा ग्राम पंचायत कोमाखान को तहसील बनाने के कवादत तेज हो गई है। 15 वर्षों से कोमाखान को तहसील कार्यालय बनाने की मांग सुवरमाल विकास सामिति , ग्रामीणों एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा किया जा रहा है जिंसके लिए जन प्रतिनिधियों द्वारा उस समय के तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंग , केंद्रीय राज्य मंत्री चरण दास महंत , जिला प्रभारी मंत्री बृजमोहन अग्रवाल सहित कलेक्टर एवं प्रशासनिक अमला से मांग की थी तब से लेकर आज तक कोमाखान को तहसील कार्यालय बनाने की मांग अनवरत जारी है। गौरतलब हो कि ब्लॉक मुख्यालय बनने के लिए ग्राम कोमाखान , रजवाड़े एवं ब्रिटिश शासन के समय से प्रशासनिक केंद्र रहा छतीसगढ़ का एक गढ़ सुवरमाल गढ़ राजवाड़े काल से लेकर वर्तमान तक सुर्खियों में है । कोमाखान में कलचुरी काल के समय 102 ग्राम , ब्रिटिश काल मे 84 गांव एवं वर्तमान राजस्व मंडल में 130 राजस्व ग्राम आते है जिनका क्षेत्रफल 50636 भू-भाग है जिनकी जनसंख्या वर्तमान में लगभग 2 लाख है । गौरतलब हो कि कोमाखान वर्तमान में राजस्व उप तहसील की स्थापना है जिसमे नायब तहसीलदार की पदस्थापना भी है । व्यापारिक की दृष्टिकोण से कोमाखान क्षेत्र में 5 राइसमिल , सुगन्धित तेल उद्योग सहित कई कुटीर उद्योग संचालित है वही यातायात की दृष्टि से नेशनल हाइवे 353 से महज 5 किमी की दूरी है वही कोमाखान में रेलवे स्टेशन भी मौजूद है जहाँ 150 गावो के यात्री ट्रेन सुविधा का लाभ लेते है । कोमाखान में 3 बैंक ग्रामीण बैंक , जिला सहकारी बैंक , बंधन बैंक , नर्रा में बैंक आफ बड़ोदा एवं गांजर में पंजाब नेशनल बैंक स्थित है । ज्ञात हो कि कोमाखान तहसील कार्यालय विस्तार एवं विकास के लिए बड़ा भू – खंड नेशनल हाईवे 353 के किनारे सुवरमाल , भिलाई दादर , खैरट खुर्द एवं घोयना बाहरा में स्थित है । वही कोमाखान में तहसील कार्यालय के दृष्टिकोण से थाना , स्कूल , हॉस्पिटल , बिजली की सुविधाएं भी उपलब्ध है । गौरतलब हो कि पूर्व सांसद चंदूलाल साहू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशानुसार कोमाखान को सांसद आदर्श गोंद ग्राम के रूप में गोद लिया था जिसके कारण भरपूर विकास कार्य भी कराया गया है जिंसके फलस्वरूप आज कोमाखान क्षेत्र एक बड़े कस्बे का रूप धारण कर चुका है वही 150 गावो का व्यापारिक केंद्र भी बना हुआ है ।
क्या कहते स्थानीय निवासी
विजय शर्मा (शिक्षक एवं सदस्य सुवरमाल गढ़ समिति ) – कोमाखान का अपना एक पुराना इतिहास रहा है ब्रिटिश काल से ही कोमाखान केंद्र बिंदु रहा है । कोमाखान में लगभग 102 गांव के लोग व्यापार करने आते है वही यहाँ रेल मार्ग , बस मार्ग के साथ 3 राष्ट्रीयकृत बैंक सहित वही स्वास्थ्य एवं शिक्षा के संस्थान भी है जिसकी वजह से कोमाखान को ब्लॉक बनाना उचित है ।
थिएन्द्र प्रताप सिंह (राजा सुवरमाल गढ़ )- आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है उड़ीसा सीमापवर्ती क्षेत्र में रहने लोगो को ब्लॉक मुख्यालय पहुचने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है कोमाखान को ब्लॉक बनाना उचित है ।
रवि फरोदिया (अध्यक्ष भाजयुमो ग्रामीण मंडल बागबाहरा) – कोमाखान एवं सुवरमाल गढ़ का अपना एक पुराना इतिहास है बिटिश काल से लेकर अब तक व्यापारिक केंद्र बिंदु है वही एक ब्लॉक मुख्यालय बनने के लिए सारी सुविधाएं कोमाखान में उपलब्ध है वही सुवरमाल गढ़ सामिति द्वारा ब्लॉक मुख्यालय के लिए 10 एकड़ की भूमि भी आरक्षित किया है ।