रविशंकर गुप्ता/अम्बिकापुर : छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण राज्य बिलासपुर एवं जेल विभाग रायपुर के संयुक्त तत्वावधान में उन्मुक्त अभियान प्रारंभ किया गया है जिसके अंतर्गत उन दोषसिद्ध सजायाफता बंदियों को रिहा किया जाएगा जो राज्य शासन द्वारा बनाए गए नीति के अनुसार समयपूर्व रिहाई हेतु पात्र है। यह अभियान उच्चत्तम न्यायालय के द्वारा पक्षकार सोनाधर विरूद्ध छत्तीसगढ़ राज्य में दिए गए निर्देष के आधार पर प्रारंभ किया गया है।छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य, सचिव श्री सिद्धार्थ अग्रवाल ने बताया है कि न्यायमूर्ति श्री प्रषांत कुमार मिश्रा कार्यपालक अध्यक्ष सालसा के द्वारा इस अभियान की बारिकी से निगरानी की जा रही है एवं इस बावत् राज्य के समस्त जिला विधिक प्राधिकरणों के जिला न्यायधीष को यह आदेष दिया गया है कि वे जेल प्रषासन की अवष्य मद्द करें। यह अभियान 4 प्रमुख चरणों से गुजरेगा जिसमें प्रथम चरण के अंतर्गत पात्र दोषसिद्ध बंदियों की पहचान करते हुए उनकी ओर से आवेदन प्रस्तुत कराकर एवं आवष्यक दस्तावेज संकलित कर उन्हें रिहा किए जाने बावत् कार्यवाही की जाएगी एवं यदि किसी पात्र बंदी का आवेदन निरस्त किया जाता है तब राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा ऐसे बंदियों की और विधिक सहायता उपलब्ध कराकर अपील की कार्यवाही सुनिष्चित की जाएगी। इसके पूर्व कार्यपालक अध्यक्ष सालसा न्यायमूर्ति श्री प्रषांत कुमार मिश्रा के द्वारा रिट पिटीषन क्रमांक 78/2017 पक्षकार अमरनाथ विरूद्ध छत्तीसगढ़ राज्य के अंतर्गत जिला न्यायालयों में पदस्थ न्यायिक अधिकारियों को पूर्व से ही यह निर्देष जा चुकें है कि वह दोषसिद्ध बंदियों को धारा 432 (2) कें अंतर्गत रिहा किए जाने के संबंध में अपना अभिमत दिए जाने की कार्यवाही 3 माह के भीतर पूर्ण करेंगे।
दोषसिद्ध बंदियों को रिहा करने ’’उन्मुक्त’’ अभियान
