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रोजगार एवं प्रशिक्षण विभाग की बड़ी लापरवाही. प्रशिक्षण अधिकारियों की पदोन्नति में किया जा रहा मजाक: पूरन सिंह पटेल

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  • 9 वर्ष उपरांत भी प्रशिक्षित अधिकारियों की पदोन्नति नही की जा रही है 

किरीट ठक्कर/गरियाबंद। प्रदेश राज्य कर्मचारी संघ के उपाध्यक्ष पूरन सिंह पटेल ने राज्य शासन के ऊपर नियमानुसार पदोन्नति नही करने के आरोप लगाये है, उन्होंने कहा कि विभिन्न आईटीआई में कार्यरत प्रशिक्षण अधिकारियों द्वारा विद्यार्थियों को प्रशिक्षण देकर रोजगार हेतु काबिल बनाया जाता है किंतु इन्हीं प्रशिक्षण अधिकारियों के पदोन्नति को लेकर विभाग के उच्च अधिकारी गण लंबे अरसों से चुप्पी साधे हुये हैं एवं प्रशिक्षण अधिकारियों को पदोन्नति न देकर उनका मजाक बनाया जा रहा है । वर्ष 2013 में प्रदेश के विभिन्न शासकीय आईटीआई में बीई, डिप्लोमाधारी एवं आईटीआई होल्डर की भर्ती प्रशिक्षण अधिकारी के रूप में की गई , बीई, डिप्लोमा धारी प्रशिक्षक क्रमश: वर्ष 2019 एवं 2020 से पदोन्नति हेतु पात्र हो चुके हैं | छतीसगढ़ शासन के प्रचलित सेवा नियमानुसार बीई, डिप्लोमाधारी एवं आईटीआई होल्डर प्रशिक्षकों को क्रमशः 6, 7 एवं 8 वर्ष के कार्यानुभव उपरांत पदोन्नति देने का नियम बना है, किन्तु 9 वर्ष पूरे होने के बाद भी प्रशिक्षण अधिकारियों को पदोन्नतिसे वंचित रखा गया है जो विभाग की घोर लापरवाही एवं गैर जिम्मेदारी को दर्शाता है । वर्तमान में लगभग 150 पद रिक्त होते हुए भी विगत तीन वर्षों से विभाग में कोई पदोन्नति नही किया गया है जबकि शासन के नियमानुसार प्रति वर्ष डीपीसी आयोजित कर पदोन्नति किया जाना अनिवार्य है, किन्तु विभाग द्वारा अंतिम बार अप्रैल 2018 में डीपीसी की बैठक आयोजित कर 54 प्रशिक्षण अधिकारियों को प्रशिक्षण अधीक्षक पद पर पदोन्नत किया गया था, जिसके बाद से आज तक पदोन्नति नही की गई है । प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2019 में प्रशिक्षण अधीक्षक के 113 पद रिक्त थे तथा लगभग 60 इंजीनियरिंग डिग्रीधारी प्रशिक्षण अधिकारी पदोन्नति हेतु पात्र हो चुके थे, जिनकी पदोन्नति की जानी थी, विभाग की अनदेखी के कारण संबंधित वर्ष विभागीय पदोन्नति हेतु बैठक ही आयोजित नही की गई । वर्ष 2020 में प्रशिक्षण अधीक्षक के कैडर में रिक्तियाँ बढ़ कर 124 हो गयी तथा इस दौरान सी.टी.आई. किये हुये समस्त बी.ई. एवं डिप्लोमाधारी प्रशिक्षण अधिकारी पदोन्नति हेतु पात्र हो चुके थे, जिनकी कुल संख्या लगभग 120 रही होगी । पदोन्नति हेतु डीपीसी आयोजित नही किये जाने से कई प्रशिक्षण अधिकारियों ने डीपीसी आयोजित करने हेतु अभ्यावेदन दिए, किन्तु विभागीय उच्च अधिकारी नींद से नही जागे । इस प्रकार जानबूझ कर पदोन्नति न देकर प्रशिक्षकों के भविष्य के साथ लगातार खिलवाड़ किया जा रहा है जिसके कारण ये प्रशिक्षक गण मानसिक रूप से बहुत पीड़ित हैं एवं आर्थिक क्षति भी सहन कर रहे हैं, जिसका दुष्प्रभाव प्रशिक्षकों के कार्यकुशलता पर पड़ रहा है।

उच्च न्यायालय के आदेशों की हो रही अवहेलना
माननीय छ.ग. उच्च न्यायालय बिलासपुर द्वारा भी बीई एवं डिप्लोमाधारी प्रशिक्षकों के पदोन्नति हेतु विभिन्न आदेश पारित किए जा चुके हैं तथा छत्तीसगढ़ लोक सेवा पदोन्नति नियम-2003 का नियम 6(4) को ध्यान में रखते हुए पदोन्नति करने के निर्देश दिए है, किंतु विभाग उच्च न्यायालय के द्वारा पारित आदेशों में प्रदाय समय-सीमा पर भी पदोन्नति न करके उच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना कर रहा है।

क्या है छत्तीसगढ़ लोक सेवा पदोन्नति नियम-2003 का नियम 6(4)
छत्तीसगढ़ लोक सेवा पदोन्नति नियम-2003 के नियम 6(4) के अनुसार विभागीय पदोन्नति समिति की
बैठक प्रतिवर्ष आयोजित की जानी चाहये | तथा यदि विगत कई वर्षों से पदोन्नति नही की गई हो तो विभागीय पदोन्नति समिति पूर्व के वर्ष से प्रारंभ करते हुए आगे प्रत्येक वर्ष की रिक्तियों के आधार पर संबंधित वर्ष पदोन्नति हेतु पात्र होने वाले कर्मचारियों की वर्षवार पृथक-पृथक चयन सूची तैयार करेगी , तथा विगत वर्षों में पात्र हुए कर्मचारियों को पहले पदोन्नत करने पश्चात चालू वर्ष की चयन सूची तैयार
किये जाने का प्रावधान है।

सी.टी.आई. पास होने के बाद भी वंचित है ।
कई प्रशिक्षण अधिकारियों ने परिवार से साल भर दूर रहकर विभिन्न उच्च प्रशिक्षण संस्थानों से उच्च गुणवत्ता का प्रशिक्षण प्राप्त कर लिया है और पदोन्नति हेतु काफी पहले से ही पात्र हो चुके हैं। इसके बावजूद आज पर्यंत तक पदोन्नति से वंचित रखा जा रहा हैं।

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