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भारी हंगामे के बीच लोकसभा में आवश्यक रक्षा सेवा विधेयक पेश

नई दिल्ली : भारी हंगामे के बीच गुरुवार को लोकसभा में आवश्यक रक्षा सेवा विधेयक पेश किया गया. सरकार का कहना है कि ये विधेयक देश की सुरक्षा के लिए आवश्यक रक्षा सेवाओं के रखरखाव का प्रावधान करता है. दरअसल, मॉनसून सत्र में पेश होने वाले तीन अध्यादेशों में से एक आवश्यक रक्षा सेवा अध्यादेश, 2021 है, जो 30 जून को ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्डों को पुनर्गठित कर कंपनियों में बदलने के आदेश के खिलाफ कर्मचारी यूनियन को जुलाई के अंत में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने से रोकने को लाया गया था.

बीते दिनों कानून मंत्रालय द्वारा जारी आवश्यक रक्षा सेवा अध्यादेश 2021 पर एक गजट अधिसूचना में कहा गया था कि सेना से जुड़े किसी भी औद्योगिक प्रतिष्ठान के रक्षा उपकरण, सेवाओं और संचालन या रखरखाव के उत्पादन में लगे कर्मचारियों के साथ-साथ मरम्मत और रख-रखाव में कार्यरत कर्मचारी रक्षा उत्पाद अध्यादेश के दायरे में आएंगे.

अंतर्देशीय पोत विधेयक पेश

गुरुवार को अंतर्देशीय पोत विधेयक भी पेश किया गया. जानकारी के मुताबिक, अंतर्देशीय पोत विधेयक की मुख्य विशेषता विभिन्न राज्यों द्वारा बनाए गए अलग-अलग नियमों के बजाय संपूर्ण देश के लिये एक संयुक्त कानून का प्रावधान करना है.हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अंतर्देशीय पोत विधेयक (Inland Vessels Bill) 2021 को मंजूरी दी गई थी. सरकार का कहना है कि यह विधेयक अंतर्देशीय जहाज़ों की सुरक्षा, बचाव और पंजीकरण को विनियमित करेगा. इसके तहत दिया गया पंजीकरण प्रमाण पत्र सभी राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों में मान्य होगा और इसके लिए राज्यों से अलग से अनुमति लेने की कोई आवश्यकता नहीं होगी. विधेयक में एक इलेक्ट्रॉनिक पोर्टल पर पोत, पोत पंजीकरण, चालक दल के विवरण दर्ज करने को लेकर एक केंद्रीय डेटाबेस का प्रावधान भी है.

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