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मनरेगा कार्य बना सरपंचों के जी का जंजाल    

  • सामाजिक अंकेक्षण से त्रस्त हुये सरपंच 
किरीट ठक्कर/गरियाबंद। सरपंच संघ मैनपुर द्वारा सामाजिक अंकेक्षणकर्ता योगेश कुमार निर्मलकर को मैनपुर से हटाने की मांग की गई है , संघ ने आरोप लगाया है कि इनके द्वारा पंचायतों में अशांति फैलाई जा रही है जिसके कारण कोई भी अप्रिय घटना घट सकती है।
दरअसल मैनपुर विकास खंड के 50 से अधिक सरपंचों ने आज जिला मुख्यालय पहुंचकर कलेक्टर गरियाबंद के नाम ज्ञापन सौंपा है जिसमें महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत सामाजिक अंकेक्षण के तहत की जा रही वसूली कार्यवाही को रोकने की मांग की गई है।
सरपंच संघ अध्यक्ष बलदेवराज ठाकुर के अनुसार चार से पांच वर्ष पूर्व किये गये मिट्टी कार्य का सामाजिक अंकेक्षण कर वसूली हेतु सरपंचों को नोटिस थमाया जा रहा है जबकि बारिश के बाद मिट्टी कार्य का लेखा जोखा किसी भी हाल में सौ प्रतिशत सत्यापित नही हो सकता।
सरपंच संघ विकास खंड मैनपुर द्वारा कलेक्टर निलेश कुमार क्षीरसागर को सौंपे गये ज्ञापन के अनुसार जनपद अंतर्गत 2016 – 17 में मनरेगा योजना के तहत कराये गये निर्माण कार्यों का सामाजिक अंकेक्षण दल द्वारा मनमाने ढंग से कार्यवाही कर वसूली किया जा रहा है , जो सर्वथा अनुचित है।
विदित हो निर्माण कार्यों को विधिवत ले – आउट के पश्चात प्रारम्भ किया जाता है , कार्य उपयंत्री / तकनीक सहायक की देख रेख में होता है जिसका मूल्यांकन व सत्यापन किये जाने के बाद ही मजदूरी तथा सामग्री का भुगतान किया जाता है , इसके बाद भी सामाजिक अंकेक्षण दल द्वारा सरपंचों से वसूली कार्यवाही करना ,सरपंचों सचिवों को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने जैसा है। सरपंच संघ ने मांग की है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी के तहत किये गये निर्माण कार्यों का भुगतान सामाजिक अंकेक्षण के बाद ही किया जाये।
ग्राम पंचायत कुल्हाड़ी घाट के सचिव व पूर्व ब्लॉक सचिव संघ अध्यक्ष प्रेम ध्रुव के अनुसार मनरेगा कार्यो का मजदूरी भुगतान सीधे मजदूरों के खाते में तथा मटेरियल का भुगतान सप्लायर के अकाउंट में जाता है ऐसे में खानगी की वसूली सरपंच सचिवों से किया जाना सरासर गलत है।

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