संतोष ठाकुर/तखतपुरl इस्लाम में लोगों की सेवा करना और अपनी सबसे प्यारी चीज को खुदा की राह में खर्च कर देना अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है । इब्राहिम नबी अ. स. के द्वारा अपने सबसे प्यारे बेटे इस्माइल अ.स. को खुदा की इच्छानुसार बलिदान कर देने की घटना की याद में इस त्यौहार को मनाया जाता है और यही बलिदान करने का प्रतीक बकरीद अथवा ईद-उ-जुहा का त्योहार मुसलमानों के लिए अत्यंत प्रिय है। दाऊदी बोहरा समाज तखतपुर के द्वारा भी ईद-उ-जुहा का त्योहार बहुत ही जोश खरोश के साथ मनाया गया यह त्यौहार रमजान के पवित्र महीने के अंत से लगभग 70 दिनों के बाद आता है। इस वर्ष भी शासन के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए बकरी ईद की नमाज मस्जिद में अदा की गई व बाकी लोगों ने अपने अपने घरों में नमाज अदा कर यह त्यौहार मनाया। इसके पश्चात कुर्बानी दी गई वह आपस में एक दूसरे को फोन पर और सोशल मीडिया के द्वारा बधाई दी गई। बच्चों ने भी नए कपड़े पहन कर इस त्यौहार को बहुत ही उत्साह के साथ मनाया। सैयदना साहब डॉ मुफद्दल सैफुद्दीन के उपदेशों का प्रसारण किया गया जिसमें आपने समाज के लोगों से प्रेम व शांति पूर्वक जीवन यापन करने लोगों की सेवा व सहायता करने तथा खुदा की इच्छा के अनुरूप अपना सब कुछ बलिदान कर देने की प्रेरणा दी। सभी के स्वस्थ व खुशहाल जीवन के लिए प्रार्थना की व महामारी के इस दौर में लोगों की सेवा करने वह विश्व से जल्द से जल्द ये महामारी दूर हो इसके लिए खुदा से दुआ मांगी। इस अवसर पर समाज के प्रमुख मुल्ला शब्बीर कपासी, युसूफ वनक, शब्बीर हुसैन, युसूफ भारमल, मुर्तुजा लक्ष्मीधर, सादिक अली कपासी, जाफर हुसैन, सिराज वनक आदि उपस्थित थे।
ईद-उ-जुहा का त्योहार बोहरा समाज ने बहुत ही जोश खरोश के साथ मनाया
