पुरुषोत्तम कैवर्त/कसडोल : कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर इस वर्ष भी श्री जगन्नाथ भगवान की रथयात्रा प्रतीकात्मक रूप से मनाया जाएगा हालांकि रथयात्रा आम लोगों के लिए नहीं निकाली जाएगी और न ही बाजार लगाया जाएगा।प्रति वर्ष आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष के द्वितीया से भगवान जगन्नाथ , बलभद्र एवं देवी सुभद्रा की रथयात्रा निकाली जाती है । उड़ीसा के जगन्नाथ पुरी में रथयात्रा महोत्सव को पर्व के रूप में मनाया जाता है तथा यह पर्व 10 दिनों का होता है । कोरोना संक्रमण के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार इस वर्ष जगन्नाथपुरी में भी रथयात्रा का पर्व श्रद्धालुओं के बिना मनाया जाएगा , कोर्ट के निर्देशा – नुसार पुरी के मंदिर जाने के सभी मार्गों को सील कर दिया गया है । पुरी में मनाए जाने वाले रथयात्रा में देश विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा में शामिल होते हैं जिन्हें इस साल भी कोविड 19 गाईड लाईन के चलते निराश होना पड़ रहा है । पुरी के बाद कसडोल नगर में भी मनाए जाने वाले रथयात्रा काफी ख्याति प्राप्त है क्योंकि यहाँ पर भी रथयात्रा देखने क्षेत्र के अलावा आसपास के जिलों से भी लोग आते हैं । कसडोल में आयोजित किए जाने वाले रथयात्रा समिति के अध्यक्ष ऋत्विक मिश्रा , सदस्यों आलोक मिश्रा ,अशोक यादव ,संतोष साहू ,कमलेश कश्यप ,ऋषि श्रीवास आदि ने रथयात्रा निकाले जाने के संबंध में एस डी एम से चर्चा की तो एस डी एम ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार कोविड 19 के गाईड लाईन का पालन करते हुए आम लोगों के लिए रथयात्रा नहीं निकालने की बात करते हुए प्रतीकात्मक रूप से रथयात्रा निकाले जाने की अनुमति दी है । रथयात्रा समिति के अध्यक्ष ऋत्विक मिश्रा ने बताया कि इस साल कोरोना के दूसरी लहर के चलते प्रतीकात्मक रूप से रथयात्रा आलोक मिश्रा के घर से सुभाष चन्द्र दुबे के घर तक निकाली जाएगी । किसी तरह के दुकानों के स्टॉल समिति द्वारा नहीं लगवाई जाएगी । अध्यक्ष ने आम लोगों से कोविड 19 गाईड लाईन का पालन करते हुए सामाजिक दूरी अपनाते हुए रथयात्रा में शामिल होने की अपील की है ।
कसडोल में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा प्रतीकात्मक रूप से मनाई जाएगी
