प्रतापगढ़ : राजस्थान में प्रतापगढ़ जिले में एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है. गांव के युवक ने अपनी पत्नी के चरित्र पर संदेह करते हुए खुद की पत्नी को पिछले 3 माह से 30 किलो वजनी जंजीर से बांध कर रखा हुआ था. इस बात की जानकारी मिलने पर थाना अधिकारी रविंद्र सिंह बीट कांस्टेबल नेमीचंद व शिवसिंह अपने पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे तो महिला को लोहे की जंजीर से बांधा हुआ पाया गया. थाना अधिकारी ने लोहे कि बंधी जंजीर से महिला को आजाद करवाया और महिला के खुद के पुत्र को सुपुर्द कर किया. थाना अधिकारी ने बताया कि भैरूलाल पिता नन्दा जाति मीणा निवासी जाम्बुरेल थाना अरनोद अपनी ही पत्नी के चरित्र पर संदेह कर रहा था. सन्देह के चलते करीब तीन महीने से लोहे की जंजीर से अपने केलुपोश मकान के पास एक कच्ची टापरी में उसको बांध रखा था. भैरूलाल उसे लगातार मानसिक प्रताड़ित कर काफी परेशान कर रहा है.
सूचना विश्वसनीय होने से पुलिस जब उस घर पर पहुंची तो एक कच्ची टापरी में एक महिला को लोहे की जंजीर से बांध रखा था. महिला से नाम पता पूछा तो उसने अपना नाम जीवा बाई बताया. महिला से बांधने का कारण पूछा तो उसने बताया कि मेरा पीहर हिंगलाट में है. मेरी शादी भैरूलाल मीणा के साथ हुई. मेरी मां सीताबाई हिंगलाट में रहती है. मैं मां की सेवा करने के लिये व जमीन बोने के लिये वहां चली जाती थी तो मेरा पति मेरे साथ पीहर में आकर मारपीट करता था. मैं अपनी बूढ़ी मां की सेवा करना चाहती हूं.
पीड़ित महिला ने बताया कि मेरा पति शराब पीकर मेरे ऊपर शंका करता था कि तेरे किसी के साथ अवैध संबंध हैं, इसलिए मुझे काफी प्रताड़ित कर रखा है. होली के त्यौहार के दो-तीन दिन बाद से मेरे पति भैरूलाल, मेरा लड़का राजू व मेरे परिवार के अन्य सदस्यों ने मिलकर मुझे करीब 30 किलो वजनी लोहे की सांकल से बांध दिया. उसके बाद से मैं कच्ची टापरी में रहती हूं.
महिला ने रोते हुए बताया कि मुझे करीब तीन महीने से बांधने से शारीरिक व मानसिक क्षति हुई है, मेरा जीवन बर्बाद हो गया. मेरा पति आए दिन मेरे साथ मारपीट करता था जिससे मुझे रातभर भी नींद नहीं आती थी. लोहे की सांकल पर ताला लगाकर चाबी अपने साथ लेकर चला गया. लोहे की सांकल से बांधने से बांये पैर में सूजन आ गई. जीवा बाई को शारीरिक व मानसिक तौर से परेशान किया तथा हिंसा की. पीड़ित महिला ने घटना में शामिल सभी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की.