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मनरेगा आयुक्त ने अभिसरण से कराए जाने वाले कार्यों की स्वीकृति में तेजी लाने के दिए निर्देश

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  • सभी कलेक्टरों को जारी किया परिपत्र

रायपुर : राज्य मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) आयुक्त मोहम्मद कैसर अब्दुलहक ने विभिन्न विभागों के अभिसरण से कराए जाने वाले कार्यों की स्वीकृति में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी जिलों के कलेक्टर-सह-जिला कार्यक्रम समन्वयक (मनरेगा) को परिपत्र जारी कर अलग-अलग विभागों से मनरेगा के अंतर्गत अनुमेय कार्यों के प्रस्ताव प्राप्त करने और उनकी स्वीकृति की प्रकिया में तेजी लाने कहा है। उन्होंने अपने पत्र में इस आशय का भी उल्लेख किया है कि अभिसरण के अंतर्गत कार्यों की स्वीकृति में प्रगति लाने विभाग प्रमुख राज्य और जिला स्तर पर विभागीय नोडल अधिकारी (अभिसरण) नामांकित करें।

राज्य मनरेगा आयुक्त द्वारा जारी परिपत्र में कहा गया है कि मनरेगा के अंतर्गत वन एवं जलवायु परिवर्तन, कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी, जल संसाधन तथा ग्रामोद्योग विभाग के अभिसरण से कराए जाने वाले अनुमेय कार्यों एवं संबंधित विभागों की परियोजना क्रियान्वयन इकाई (PIA) के तौर पर कराए जा रहे कार्यों की प्रगति अत्यंत कम है। राज्य मनरेगा कार्यालय द्वारा अंतर्विभागीय अभिसरण के लिए विभिन्न जिलों में कार्यरत मनरेगा के सहायक परियोजना अधिकारियों और संबंधित विभागों के जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ आयोजित अलग-अलग बैठकों में इसे सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश दिए गए हैं। मनरेगा आयुक्त ने सभी जिलों में कार्यों की स्वीकृति में तेजी लाने कहा है, जिससे प्रदेश में अभिसरण कार्यों की संख्या में इजाफा हो सके।

मनरेगा और विभागीय अभिसरण से हो सकते हैं ये काम

मनरेगा और वन विभाग के अभिसरण से विभिन्न प्रकार के वृक्षारोपण, नर्सरी विकास, नरवा के ड्रेनेज लाइन और एरिया ट्रीटमेंट संबंधित कार्य जैसे कंटूर ट्रेंच, कंटूर बण्ड, लूज बोल्डर चेक, गली प्लग निर्माण कार्य कराए जा सकते हैं। ग्रामोद्योग विभाग के जरिए सेरिकल्चर वृक्षारोपण, ग्रामीण हाट उन्नयन, मनरेगा कार्यों के लिए निर्माण सामग्रियों का उत्पादन कार्य, जल संसाधन विभाग द्वारा कमाण्ड एरिया विकास संबंधित कार्य जैसे वाटर कोर्स व नहर निर्माण, तथा वाटरशेड विकास संबंधित कार्य तथा कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा पशुपालन के अंतर्गत सिल्वी पैश्चर चारागाह, मुर्गी शेड, पशु शेड, सुअर शेड, बकरी शेड, वर्मी कम्पोस्ट टैंक व नाडेप टैंक, मत्स्य पालन अंतर्गत मत्स्य पालन तालाब व फिश ड्राइंग यार्ड, उद्यानिकी के तहत नर्सरी व फलदार वृक्षारोपण एवं कृषि के अंतर्गत खेत समतलीकरण, वर्मी कम्पोस्ट टैंक व नाडेप टैंक निर्माण कार्य मनरेगा के अभिसरण से कराए जा सकते हैं।

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