रायपुर : ग्रामीण इलाकों में अस्पताल खोलने के लिए निजी संस्थानों को अनुदान देने के निर्णय को स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने उचित नहीं माना है। उन्होंने कहा कि हमारे पास सरकारी तंत्र के स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने पैसों की कमी आती है तो निजी क्षेत्रों को इसके लिए अनुदान देना समझ से बाहर है। श्री सिंहदेव ने कहा कि डाॅक्टर रायपुर नहीं छोड़ना चाहते तो कौन सुकमा या सिलगेर में जाकर काम करेगा। अपने निवास पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए स्वास्थ्य मंत्री श्री सिंहदेव ने कहा कि यूनिवर्सल हेल्थ केयर के तहत सभी लोगों को निशुल्क चिकित्सा सुविधा मिलनी चाहिए। अगर निजी अस्पताल ऐसा करते हैं तो अनुदान लें, लेकिन इलाज का पैसा जनता से लेना है तो यह उचित नहीं है। उन्होंने अनलॉक होेते शहर के बारे में कहा कि अभी समय सावधान रहने का है। इजरायल वैक्सीनेशन पूरा होने के बाद अनलाॅक हो गया था, मगर कुछ समय बाद वहां पुन: कोरोना आ गया। अभी हमें यह समझने की आवश्यकता है कि कोरोना जान भी ले सकता है। वर्तमान में डेटा प्लस की आशंका बनी हुई है और लगातार म्यूटेशन हो रहा है, इसे देखते हुए सावधानी जरूरी है। अनलाॅक के किसी भी निर्णय के लिए नागरिकों को पूरे विश्वास में लेना जरूरी है, भले ही कोरोना के केस कम हो गए हों, मगर अभी भी पांच हजार से ज्यादा एक्टिव केस हैं। कोवैक्सीन की कम सप्लाई श्री सिंहदेव ने माना कि कोवैक्सीन की सप्लाई कम मात्रा में होने की वजह दूसरी खुराक लेने वालों को थोड़ी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि 4 से 6 सप्ताह में इसकी दूसरी खुराक दी जानी है। वैक्सीन आने तक कुछ दिन और इंतजार किया जा सकता है। वर्तमान में रोजाना दो लाख टीके लगाए जा रहे हैं, अगर वैक्सीन पर्याप्त मात्रा में हो तो ज्यादा टीके भी लगाए जा सकते हैं।
वैक्सीनेशन की प्रक्रिया सतत हो
श्री सिंहदेव ने कहा कि हमें ज्यादा टीका लगाने का दिखावा नहीं करना चाहिए। वर्तमान में वैक्सीन की उपलब्धता सीमित है और इसे सतत प्रक्रिया के रूप में पूरा किया जाना चाहिए। विचार किया जा रहा है कि सप्ताह में चार दिन कोरोना और दो दिन अन्य टीकाकरण किया जाए और रविवार को इस प्रक्रिया को पूरा किया जाए। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार से हमने सवा करोड़ वैक्सीन की मांग की, जो उपलब्ध कराने में वह असमर्थ है। जुलाई माह तक 20 लाख वैक्सीन भेजे जाने की जानकारी उन्होंने दी।