नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने आज 29 जून को प्रवासी श्रमिकों के हक में अहम फैसला सुनाया. कोर्ट ने कोरोना के चलते प्रभावित हुए प्रवासी श्रमिकों के कल्याण के लिए केंद्र व राज्यों सरकारों को जरूरी निर्देश जारी किए हैं. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को ‘एक देश-एक राशन कार्ड’ योजना को लागू करने के लिए 31 जुलाई 2021 की डेडलाइन निर्धारित कर दी है. अब देश के सभी राज्यों को इस समय सीमा के भीतर इस योजना को हर हाल में लागू करना होगा. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकारों को आदेश दिया है कि कोरोना के चलते जो प्रवासी मजदूर प्रभावित हुए हैं, उन्हें सूखा राशन उपलब्ध कराया जाए. इसके अलावा कोर्ट ने आदेश दिया है कि जब तक महामारी जारी रहती है, केंद्र व राज्य सरकारों को माइग्रेंट वर्कर्स के लिए सामुदायिक रसोई को जारी रखना होगा. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को एनआईसी (राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र) से मशविरा लेकर एक पोर्टल डेवलप करने को कहा है जिस पर अनऑर्गेनाइज्ड व माइग्रेंट वर्कर्स को रजिस्टर किया जा सके. इस पोर्टल के लिए भी कोर्ट ने 31 जुलाई 2021 की डेडलाइन तय की है.
क्या है One Nation One Ration Card योजना
एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड योजना के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के पात्र लाभार्थी पूरे देश में कहीं भी उचित मूल्य की दुकान से अपने राशन कार्ड का इस्तेमाल कर अनाज उठा सकेंगे. फिर भले ही उनका राशन कार्ड किसी भी राज्य या जिले में बना हो. खाद्य मंत्रालय का लक्ष्य मार्च 2021 तक देशभर में इस योजना को लागू करना था लेकिन अभी तक यह लक्ष्य पूरा नहीं हो सका है जिसे लेकर अब सुप्रीम कोर्ट ने डेडलाइन तय कर दिया है. वर्तमान में यह योजना करीब 20 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में लागू है. एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड के लिए नए कार्ड की जरूरत नहीं है. इस योजना के तहत लाभार्थी की बायोमेट्रिक पहचान के लिए राशन की दुकानों को फिंगर प्रिंट पहचान मशीन से लैस किया जा रहा है.