तिलकराम मंडावी/डोंगरगढ़ : मानसून के दस्तक के बाद खेतों में धान की बोनी षुरू हो गई है। इसके साथ ही वर्तमान में खाद की डिमांड भी तत्काल है। लेकिन समस्या ऐसी है कि किसानों को समय पर खाद उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। सोसाइटियों में समय पर खाद नहीं पहुंचनें के पीछे दो वजह सामनें आई है। पहलें तो राज्य स्तर से खाद गोदाम में समय पर आपूर्ति नहीं की जा सकी। जबकि गोदाम में डंप खाद का वितरण सोसाइटियों में पहलें ही हो चुका है। अब सोसाइटियों में खाद खत्म हो जानें के बाद मारामारी षुरू हो गई है। वहीं दूसरी वजह यह भी है कि गोदाम से सोसाइटियों तक ले जानें में ट्रांसर्पोटिंग की समस्या भी आ रही है। रोजाना एक गाड़ी ही खाद पहुंचा रही है, जबकि डिमांड तीन गाड़ियों की है। ऐसे में दोनों समस्या के चलतें बीच में किसान पिस रहे है। बोनी षुरू होनें के बाद खेती-किसानी का काम छोड़कर खाद लेनें के लिए रोजाना सोसाइटी के चक्कर लगा रहे है। परंतु स्टाॅक में खाद नहीं होनें के चलतें प्रबंधक किसानों को खाली हाथ ही लौटा दे रहे है। चिद्दों रोड स्थित नवीन खाद गोदाम से ब्लाॅक के 13 सोसाइटियों में खाद का वितरण होता है। करीब 10 सोसाइटियों में यूरिया व डीएपी की कमी लगातार बनी हुई है। खाद गोदाम प्रभारी का कहना है कि राज्य स्तर से सप्लाई नहीं होनें की वजह से ही सोसाइटियों में खाद नहीं भेजा जा रहा है। इसके अलावा हमाल को लेकर भी परेषानी बनी हुई है। हमालों को मजदूरी भुगतान की जिम्मेदारी समितियों पर है।
जानिए, इन बिंदुओं के चलतें किसानों को हो रही परेषानी
राज्य से खाद की सप्लाई में देरीः बोनी षुरू होनें से पहलें ही डीएपी व यूरिया की किल्लत षुरू हो गई थी। लेकिन मानसून आनें के बाद बोनी भी चालू है। ऐसे में अभी खाद की अत्यंत आवष्यकता है। लेकिन राज्य स्तर से सप्लाई में लेटलतीफी होनें की वजह से सोसाइटियों तक खाद नहीं पहुंच पा रहा है। किसानों को मजबूरन मार्केट से महंगे दाम पर खाद खरीदना पड़ रहा है। बोनी के बाद किसानों को सोसाइटी से खाद वितरण होगा तब तक किसानों को मार्केट से खरीदकर काम चलाना पड़ेगा।
ट्रांसर्पोटिंग व हमाल को लेकर समस्याः
खाद गोदाम से सोसाइटियों तक खाद पहुंचानें को लेकर भी समस्या आ रही है। क्योंकि ट्रांसपोर्टर दिनभर में एक ही गाड़ी चला रहा है। जबकि डिमांट के हिसाब से तीन गाड़ियों की जरूरत है। वहीं हमालों की कमी के चलतें भी खाद की डिलीवरी में दिक्कतें आ रही है। बारिष षुरू होनें के बाद धान खरीदी केंद्रों से उठाव को लेकर भी खासा दबाव है। वहीं इसके साथ खाद की डिलीवरी भी प्रभावित हो रही है। हमालों को समिति भुगतान करेगी इसलिए हमालों की कमी हो रही है।
वर्मी कंपोस्ट खरीदनें बना रहे दबाव, जबकि गुणवत्ता की कमीः द्विवेदी-
भाजपा सहकारिता प्रकोश्ठ के प्रदेष संयोजक व मार्कफेड के पूर्व वरिश्ठ उपाध्यक्ष षषिकांत द्विवेदी ने प्रदेष सरकार के खाद आवंटन प्रणाली पर सवाल खड़े करतें हुए बताया कि सोसाइटियों से वर्मी कंपोस्ट खरीदनें के लिए किसानों पर दबाव बनाया जा रहा है। जबकि वर्मी खाद की गुणवत्ता में कमी है। बिना एक्सपर्ट की मौजूदगी में वर्मी कंपोस्ट तैयार हुई है। जबकि डीएपी व यूरिया की पूर्ति राज्य नहीं कर पा रही है। वर्मी कंपोस्ट खाद को 10 रूपए किलो में दिया जा रहा है। राज्य सरकार अपनी नाकामी छिपानें के लिए वर्मी कंपोस्ट को बेचनें के लिए दबाव बना रही है। महिला समूहों को मानदेय भी नहीं मिल पा रहा।
पुर्नगठन के बाद बनी नई सोसाइटियों में खासी परेषानी-
राज्य सरकार ने पिछलें वर्श सोसाइटियों का पुर्नगठन किया है। इससें सोसाइटियों की संख्या में इजाफा हुआ है। नई बनी सोसाइटियों में कई तरह की परेषानी सामनें आ रही है। कई जगहों पर खाद रखनें की दिक्कत तो कई जगह सिस्टम ही अपडेट नहीं हो पाया है। बता दें कि ब्लाॅक में 50 प्रतिषत धान की बोनी हो चुकी है। अभी खाद की डिमांड हर गांवों में है, सोसाइटियां आपूर्ति नहीं कर पा रही है।
सप्ताह भर के भीतर समस्या दूर हो जाएगी-
खाद गोदाम प्रभारी विनोद साहू ने बताया कि राज्य स्तर से सप्लाई नहीं आनें की वजह से यूरिया व डीएपी की कमी बनी हुई है। इसलिए सोसाइटियों को आवंटन करनें में परेषानी हो रही है। साथ ही ट्रांसर्पोटिंग व हमाल की समस्या के चलतें वितरण प्रभावित हुई है। उम्मीद है कि सप्ताह भर के भीतर सभी तरह की समस्या दूर हो जाएगी।