पुरुषोत्तम कैवर्त/बलौदाबाजार : देश की करीब 70 फीसदी आबादी गाँवों में रहती है। ग्रामीणों का पलायन रोकने और उन्हें गाँव में ही रोजगार मुहैया कराने के लिए केन्द्र सरकार की ओर से विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं। केन्द्र सरकार ने इस दिशा में दो कदम आगे बढ़ते हुए हर व्यक्ति को रोजगार मुहैया कराने की चुनौती स्वीकार की। चूँकि ग्रामीण विकास मन्त्रालय की ओर से पहली प्राथमिकता ग्रामीण क्षेत्र का विकास और ग्रामीण भारत से गरीबी और भुखमरी हटाना है। ग्रामीण क्षेत्रों में गाँव और शहर के अन्तराल को पाटने, खाद्य सुरक्षा प्रदान करने और जनता को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सामाजिक और आर्थिक आधार पर लोगों को सुदृढ़ करना जरूरी है। इसलिए सरकार की ओर से एक नयी पहल की गई।
मनरेगा योजना के लागू होने के बाद पंचायती राज व्यवस्था काफी सुदृढ़ हुई है। सबसे ज्यादा फायदा यह हुआ है कि ग्रामीणों का पलायन बहुत हद तक रुका है। लोगों को घर बैठे काम मिल रहा है और निर्धारित मजदूरी भी। मजदूरों में इस बात की खुशी है कि उन्हें काम के साथ ही सम्मान भी मिला है। कार्यस्थल पर उनकी आधारभूत जरूरतों का भी ध्यान रखा गया। अब गाँव के हर व्यक्ति कम से कम दो वक्त की रोटी का इन्तजाम जरूर कर सकते हैं।किन्तु यह सब तब मुमकिन है जब ग्राम पंचायतों में चुन कर आने वाले जनप्रतिनिधियों में कार्य करने की लगन हो या उनमें सजगता हों ।क्यूंकि वर्तमान में जनता द्वारा चुन कर आने वाले जनप्रतिनिधि जहां अपने चुनाव में खर्च किये राशियों की वसूली वास्ते अन्य निर्माण कार्यों को स्वीकृत कराने विधायकों एवं मंत्रियों के चौखटों पर अपना अधिकतम समय लगा देते हैं। ताकि उनके फंड से कोई निर्माण कार्य स्वीकृत करा सकें और निर्माण कार्यों से कमीशन के रूप में अधिक धन जुटा सकें।पर इन सब तथ्यों को झुठलाकर बलौदाबाजार-भाटापारा अंतर्गत कसडोल विकासखंड के ग्राम पंचायत कंजिया की सरपंच श्रीमती सुलोचना राजकुमार पटेल द्वारा मनरेगा के तहत अपने ग्राम पंचायत में जनपद पंचायत से मूलभूत सुविधाओं के अंतर्गत विभिन्न कार्यों को स्वीकृत करा ग्राम पंचायत के लोगों को एक अच्छे रोजगार ही नहीं अपितु ग्राम पंचायत अंतर्गत लोगों को होने वाले अभावों से भी निजात दिला पाने में सक्षम रहीं ।इसी क्रम में उन्होंने बीते एक वर्ष में अपने ग्राम पंचायत स्तर पर विभिन्न कार्य जैसे ग्राम पंचायत कंजिया के आश्रित गांव बिटकुली,एवं मिरगिदा में 6.45-6.45 लाख की लागत से दो आंगनबाड़ी भवन निर्माण कार्य एवं ग्राम कंजिया के संजय नाला के पास 9,77,358.96 रुपये की लागत से चेक डैम का निर्माण कार्यबहुत खूबसूरत तरीके से पूर्ण करा चुकी है। उनके इस कार्य की ग्रामीणों द्वारा खूब सराहना किया जा रहा है।