बिलासपुर। कोरोना से संक्रमित ऐसे रेलकर्मी या उनके स्वजन जिनका निजी अस्पताल में इलाज हुआ है ऐसे कर्मचारियों को 30 दिनों के भीतर खर्च की राशि का भुगतान किया जाएगा। इस संबंध में रेलवे बोर्ड ने सभी जोन के महाप्रबंधकों को निर्देश दिए हैं। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन में बड़ी संख्या में रेलकर्मियों ने निजी अस्पताल में इलाज कराया है। कुछ कर्मचारियों की तो इलाज के दौरान मौत भी हो गई। पर अब तक भुगतान नहीं हुआ। इसके अलावा प्रक्रिया इतनी कठिन है कि परेशान होकर कई कर्मचारी प्रक्रिया नहीं अपना रहे हैं।
पर अब उन्हें राहत मिलेगी। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन अंतर्गत तीनों मंडल बिलासपुर, रायपुर एवं नागपुर में कार्यरत रेल कर्मचारी एवं उनके स्वजन संक्रमित हुए। ऐसी स्थिति भारतीय रेलवे के हर जोन में थी। तबीयत बिगड़ने पर जिस अस्पताल में बेड मिला। वहां भर्ती हो गए। पहली प्राथमिकता उपचार को देना जरुरी थी। इसलिए रेफर कराने की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। इस दौरान स्वस्थ्य भी होकर घर गए आ गए। कई कर्मचारियों की मौत भी हुई। नियमानुसार इलाज के दौरान जो राशि निजी अस्पतालों खर्च हुई है उसका भुगतान रेलवे को करना है। रेलवे यह करेगी भी।
पर चिकित्सा खर्च प्रतिपूर्ति दावा के लिए रेलवे ने आवेदन फार्म जमा करने की प्रक्रिया इतनी जटिल कर रखी है कि इसमें परेशानी होगी। जोन स्तर पर इस मुद्दे को दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे श्रमिक यूनियन ने उठाया। वहीं आल इंडिया स्तर पर मेंस फेडरेशन ने बोर्ड के समक्ष बात रखी है। इसके बाद ही बोर्ड ने इस मामले को गंभीरता से लिया। इसके साथ ही निर्देश भी जारी किया है कि राशि प्रतिपूर्ति रेलवे द्वारा 30 दिनों के अंदर भुगतान कर दिया जाए। इस तरह के मामलों का अतिशीघ्र निपटारा किया जाए। यूनियन ने प्रक्रिया सरल करने की प्रक्रिया भी की थी।