- जिले में जिला प्रशासन के निष्क्रियता से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का हाल बेहाल
- विभागीय लापरवाही का नतीजा है कि एक वर्ष बीत जाने के बाद भी इस सड़क का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है जबकि रिकॉर्ड में यह सड़क एक वर्षों से बन रहा है
आफताब आलम/बलरामपुर : जिले में प्रधानमंत्री सड़क योजना के कारनामा जानकर हैरानी होगी के बलरामपुर जिले के प्रधानमंत्री ग्राम सड़क निर्माण विभाग के अधिकारी कर्मचारियों ने यह कारनामा कर दिखाया है जहां सड़क एक वर्ष पूर्व बोर्ड तो लगा दिया है जिस पर स्पष्ट दिनांक लिखा गया है कि कार्य प्रारंभ हो चुका है पर जमीनी हकीकत कोसों दूर है l
यह सड़क वाड्रफनगर से रजखेता होते हुए कछिया तक बननि थी परंतु 1 वर्ष बीत जाने के बाद भी सड़क निर्माण का कार्य प्रारंभ ना होना ग्रामीणों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर तहसील क्षेत्र में बनने वाली प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़क निर्माण कार्य का बोर्ड एक वर्ष पूर्व लगाया गया है परंतु एक वर्ष बीत जाने के बाद भी सड़क पर किसी भी तरह की कोई हलचल नजर नहीं आ रही है।
सड़क की वर्तमान हालत
वही इस संबंध में अनुविभागीय अधिकारी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क विभाग आर के घोसले से चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि बहुत जल्द ठेकेदार के द्वारा कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा वही एक वर्षों तक कार्य प्रारंभ ना होना कई तरह के संदेशों को उत्पन्न करता है गौरतलब करने वाली बात यह है इस सड़क में 24 पुल पुलिया एवं रपटा पुलिया का निर्माण होना है इस सड़क के बनने से जिला बलरामपुर व ब्लाक वाड्रफनगर मुख्यालय की दूरी में 40-एवं 15 किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी जिससे आसानी से ग्रामीणों को जिला मुख्यालय एवं ब्लॉक मुख्यालय पहुंचने में सहूलियत होगी परंतु विभाग की लापरवाही एवं ठेकेदार की मनमानी का खामियाजा है कि एक वर्षों बाद भी यह सड़क बरसात के दिनों में चलने लायक नहीं है यह सड़क पूर्व में भी डब्ल्यूबीएम सह पुलिया निर्माण स्वीकृत हुआ था जो आधा अधूरा बनकर भ्रष्टाचार का भेंट चढ़ चुका है।
ग्रामीणों को सड़क की स्वीकृति होने से बेहद खुशी हुई थी और उन्हें विश्वास था कि बहुत जल्द उनकी सड़क बन जाएगी और उन्हें आवागमन में काफी मदद मिलेगी वहीं सड़क के बन जाने से वाड्रफनगर क्षेत्र वासियों के लिए जिला मुख्यालय लगभग 35 से 40 किलोमीटर दूरी कम पड़ेगी वही एक घंटे की दूरी कम हो जाएगी दूसरी ओर इस सड़क के निर्माण से ब्लॉक मुख्यालय की भी दूरी कम हो जाएगी ग्रामीणों को 10 से 15 किलोमीटर कम चक्कर लगाकर ब्लॉक मुख्यालय तक आना होगा दोनों दृष्टिकोण से देखा जाए तो यह सड़क काफी महत्वपूर्ण है परंतु विभागीय लापरवाही का नतीजा है कि एक वर्ष बीत जाने के बाद भी इस सड़क का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है जबकि रिकॉर्ड में यह सड़क एक वर्षों से बन रहा है अब देखने वाली बात होगी कि इस सड़क पर क्या विभाग की नींद खुलेगी और ग्रामीणों को पक्की सड़क मिलकर आवागमन सुलभ हो पाएगा