संजय महिलांग/नवागढ़ : कृषि को लाभ का धंधा बनाने के लिए प्रदेश सरकार जहां कई योजनाएं चला रही है वहीं किसान भी अब आधुनिक खेती को अपनाने लगे हैं। यही वजह है कि मई माह में भी किसान अब खेतों पर काम करते देखे जा रहे हैं। इन दिनों गहरी जुताई का कार्य जिले के किसानों में तेजी से चल रहा है। किसान अत्याधुनिक यंत्र का उपयोग करके अपने खेतों में गहरी जुताई का कार्य करवा रहे हैं, ताकि खेतों की न सिर्फ अच्छी तैयारी हो सके बल्कि इससे खेत की उरवरा शक्ति बढ़े और खेतों में मौजूद कीट, पतंगे एवं लार्वा नष्ट हो सके। गहरी जुताई से फसलों की पैदावर में बढ़ोत्तरी भी होती हैं।
कैसे होती है जुताई
युवा किसान किशोर राजपूत से मिली जानकारी के मुताबिक गहरी जुताई के लिए एक विशेष यंत्र रेवल ट्रिपल मोल्ड प्लाऊ का उपयोग करके खेतों की गहरी तक जुताई का कार्य किया जाता है और मिट्टी का निचला हिस्सा ऊपर आ जाता है जिससे मिट्टी में मौजूद कीट पतंगें, मई जून की तेज गर्मी में यहां नष्ट हो जाते हैं वहीं मिट्टी की उर्रवा शक्ति फसलों के लिए मिल जाती है। गहरी जुताई से खेत की 9 से 12 इंच मिट्टी की खुदाई होती है जबकि किसान परम्परागत तरीके से महज 4 इंच की खुदाई करता आ रहा है।
क्या है लाभ
गहरी जुताई खेतों में हो जाने के बाद खेत में पानी सूखने की क्षमता ज्यादा बढ़ जाती है। तो वहीं फसलों को हानि नहीं पहुंचती है। इससे खेत की मिट्टी में मौजूद कीट व खरपतवार नष्ट हो जाते हैं। मिट्टी का पोषक तत्व फसल को पर्याप्त मिलने लगता है। इससे फसलों की पैदावार में वृद्घि होती है। कृषि वैज्ञानिक की मानें तो कम से कम दो वर्ष के अंतराल में गहरी जुताई का कार्य किसानों को खेत में करना चाहिए।
किशोर राजपूत ने कहा कि गहरी जुताई करने से किसानों को कई फायदें हैं। जहां परम्परागत से खेतों में उगने वाले खरपतवार पूरी तरह से नष्ट हो जाते हैं वहीं मिट्टी नई होने से मिट्टी में क्षारीय एवं अम्लीय गुण बराबर हो जाता है। गर्मी के दिनों में जुताई से जहां तेज धूप में मिट्टी गरम होने के साथ ही खरपतवार नष्ट हो जाते हैं वहीं गहरी जुताई के बाद लगने वाली खेत की फसल की पैदावार में बढ़ोत्तरी देखी गई है।