(पांडुका / नवापारा / राजिम / रायपुर ) | वक्त और इंसान एक दूसरे के पूरक होते हैं अच्छा वक्त खुशहाली के दिन, बुरा वक्त दुख पीड़ा और निराशा के दिन होते हैं। हर इंसान के साथ वक्त ऐसा ही बर्ताव करता है लेकिन इस दुनिया में ऐसे लोग भी होते हैं अपने सुख-दुख की परवाह नहीं करते और जीवन का जो उद्देश्य है उसको पूरा करने में अपना सर्वस्व अर्पण कर देते हैं; ऐसे ही व्यक्तित्व के स्वामी सर्व क्षत्रिय महासभा एवं इंटक मजदूर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह बैस हैं।
जरूरतमंद लोगों की सेवा अपनी अंतिम सांस तक करता रहूंगा -7 वर्ष की बालपन की उम्र परिवार की जिम्मेदारी का अहसास राकेश सिंह बैंस को रहा, बचपन से ही गरीबी और दुख दर्द क्या होता है उसको शाश्वत रूप से जिया, तभी से ठान लिया कि अपने आप को इतना सक्षम बनाएंगे कि जरूरतमंद लोगों की सेवा अपने अंतिम सांस तक करते रहेंगे। सेवा कार्य की लिस्ट इतनी लंबी है अगर सबको लिखा जाए तो एक किताब बन जाएगी ,छत्तीसगढ़ वॉच ब्यूरो प्रमुख महेंद्र सिंह ठाकुर के बहुत अनुरोध करने पर राकेश सिंह बैंस अपने बारे में बताने को तैयार हुए ताकि दूसरे सक्षम लोगों के अंदर जरूरतमंदों की सेवा का जज्बा जाग सके, भीषण कोरोना काल में रायपुर के अस्पतालों में डेढ़ सौ से ऊपर लोगों को वेंटिलेटर बेड दिलाने में योगदान दिया और दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु होने पर अंतिम संस्कार एवं कर्मकांड में परिवार के सदस्यों की सहभागिता हेतु प्रशासन से अधिकार दिलाया। अपने निवास स्थल दीनदयाल उपाध्याय नगर कॉलोनी रायपुर के गार्डन में स्वास्थ्य विभाग एवं नगर निगम रायपुर के सहयोग से कोविड-19 का विशाल शिविर लगाया जिसमें अप्रैल माह में कॉलोनी के अलावा रायपुर के आसपास के क्षेत्रों के हजार लोगों ने इन की प्रेरणा से वैक्सिन लगवाया।
हजारों परिवार को सूखा राशन ,खाने का तेल एवं हरी सब्जी प्रदान किया-
भीषण कोरोना के द्वितीय लहर में गिने-चुने समाजसेवी ही गरीबों की सेवा कर रहे थे जिसमें राकेश सिंह बैस को उनके शुभचिंतकों और मित्रों ने भीषण कोरोना का भय दिखाकर सेवा भाव से रोकना चाहा लेकिन उन्होंने साफ कहा_” दरिद्र नारायण की सेवा में अंतिम सांस तक करता रहूंगा “और करीब 5000 गरीब परिवारों को जिनमें दिहाड़ी मजदूर भी थे ,दाल ,चावल, आटा खाद्य तेल ,चाय पत्ती ,शक्कर ,नमक ,साबुन वाशिंग पाउडर उसके साथ ही हरी साग सब्जी भरपूर मात्रा में दिया। छत्तीसगढ़ वॉच ब्यूरो ने जब श्री बैस पूछा क्या आप इसमें अन्य लोगों के साथ प्रशासन का भी कोई मदद आप लेते हैं ?तो इन्होंने कहा_ जो मेरी क्षमता है उसी हिसाब से मदद करता हूं शासन-प्रशासन या अन्य लोगों से मदद ले कर पीड़ित मानवता की सेवा किया तो फिर यह मेरी निगाह में उचित नहीं है जिंदगी में बहुत संघर्ष किया है उसका दर्द भरा एहसास पूरी जिंदगी रहेगी इसी कारण जीवन भर जरूरतमंदो की सेवा करूंगा।