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सूरजपुर कलेक्टर थप्पड़ कांड : पूरा छत्तीसगढ़ उद्वेलित हुआ…..मुख्यमंत्री बघेल की कार्यवाही का स्वागत…..और कड़े दंड की मांग….

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पांडुका/नवापारा/राजिम/रायपुर : राजा मंत्री कारिंदे और प्रजा इन्हीं से प्राचीन काल में एक राज्य की सामान्य सी परिकल्पना होती थी, समय बदलता चला गया भारत की सनातन संस्कृति और इतिहास को देखें तो राजा और उसके गण प्रजा के सच्चे हितेषी और पालक होते थे। सब कुछ बदला आज प्रजातंत्र है लेकिन प्रजा किस हाल में है उसके साथ क्या गुजर रही है इसको देखने वाला कभी-कभी देख पाता है वह भी आधुनिक संसाधन की वजह से वर्तमान प्रशासनिक व्यवस्था में यह कहावत पूरी तरह से सत्य है जिले में डीएम प्रदेश में सीएम और देश में पीएम सबसे ज्यादा शक्तिशाली होते हैं यह सभी रोज की खबरों में और कार्यवाही में सबको दिखता है कोरोना की भीषण लहर इंसान क्या करें आम जनता बीमारी से लड़ रही है प्रशासन अपनी व्यवस्था पर है लेकिन जिस तरह का कृत्य छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले के कलेक्टर रणवीर शर्मा ने किया उसकी जितनी निंदा की जाए वह कम है कारण लाक डाउन पीरियड में एक युवा जो वीडियो में दिखाया गया है दवा लेने के लिए जा रहा है उसे रणवीर शर्मा ने पर्ची दिखाने के बावजूद थप्पड़ मारा और उसका मोबाइल जमीन में पटक दिया इससे मन नहीं भरा तो अपने गनर और वहां उपस्थित सिपाहियों से पिटवाया पूरे प्रदेश और देश में जब इसकी आलोचना हुई लोग आक्रोशित हुए इसी बीच छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने ट्विटर पर इस कृत्य की निंदा करते हुए कलेक्टर को हटाने के आदेश जारी किए जनता उनके कदमों की सराहना तो करती है लेकिन जनता की मांग है कलेक्टर को इससे ज्यादा दंड मिलना चाहिए इस बारे में छत्तीसगढ़ वाच ब्यूरो प्रमुख महेंद्र सिंह ठाकुर के पास जनप्रतिनिधियों से लेकर आम लोगों के विचार आये जो बिल्कुल सामयिक और तर्कसंगत है,,, पद की गरिमा और जिम्मेदारी का सरासर उल्लंघन- छत्तीसगढ़ के जाने-माने समाजसेवी और उद्योगपति रविंद्र सिंह ने कहा सूरजपुर कलेक्टर का यह कार्य निंदनीय और समझ से परे है वह स्वयं जिले का दंडाधिकारी है उन्होंने अपने पद और गरिमा का बिल्कुल मान नहीं रखा जिम्मेदारी भी कहीं नहीं दिख रही थी, अगर व्यक्ति के द्वारा कानून का उल्लंघन किया गया तो विधि सम्मत कार्यवाही होनी थी आम बंबइया फिल्म के दृश्य जैसा नहीं।
हम पीड़ित जनों के साथ मुख्यमंत्री के कदमों का स्वागत- गरियाबंद जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती स्मृति ठाकुर ने सीजी वाच ब्यूरो से कहा ब्यूरोक्रेसी की कोई भी श्रेणी हो उनके द्वारा इस तरह का कृत्य बहुत ही पीड़ा दाई है और जिनके साथ कलेक्टर द्वारा ऐसा कृत्य किया गया है उनके साथ हमारी पूरी सहानुभूति है और प्रदेश के मुखिया संवेदनशील मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी ने जिस तरह त्वरित कार्यवाही की उसकी जितनी तारीफ की जाए वह कम है। अगर किसी के द्वारा लाक डाउन या कानून के किसी भी नियमों का उल्लंघन होता है तो उसके लिए कानूनी प्रक्रिया का पूरा मार्ग प्रशस्त है ना कि बर्बरता का उदाहरण प्रस्तुत करना।
भारतीय संविधान में सब के अधिकार और कर्तव्य उल्लेखित है- नवापारा राजिम के व्यापारी दिलीप पंजवानी ने कहा भारतीय संविधान में समानता का अधिकार सबको दिया गया है और सबके अधिकार और कर्तव्य को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है और कहा गया प्रशासनिक ढांचा जनता की देखभाल और सेवा के लिए किसी भी तरह का कानून का उल्लंघन होने पर विधि सम्मत कार्यवाही करते हुए नौकरशाही को कर्तव्यनिष्ठ रहना है कहीं भी अपने अधिकारों का दुरुपयोग नहीं करना है नहीं तो वह भी दोषी माना जाएगा विधि के अनुसार यहां कलेक्टर रणवीर शर्मा पूरी तरह दोषी हैं।
कलेक्टर द्वारा मानवता को झकझोर देने वाला कार्य- कॉन्पिटिटिव परीक्षा की तैयारी कर रही रायपुर निवासी ब्रिलियंट इंजीनियर अर्पिता यादव ने कहा जिसके हाथ में जिले की कमान है और वही कानून को तार-तार कर दे इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या हो सकता है हालांकि मुख्यमंत्री ने उन्हें हटाने की घोषणा उनके ट्विटर के हिसाब से हुई है शायद मंत्रालय में पोस्टिंग होगी तो नौकरशाही को ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा इन्हें तो और ज्यादा कड़ा पनिशमेंट मिलना था इनकी जगह छोटा कर्मचारी या और कोई होता तो सस्पेंड निश्चित होता और हो सकता है एफआईआरभी होती , मैं मांग करती हूं ऐसे अधिकारी के ऊपर और कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए ।
बेपटरी होती नौकरशाही – जनता का, जनता के लिए, जनता के द्वारा शासन का नारा यह प्रजातंत्र में कहा जाता है लेकिन हकीकत कोसों दूर है यह कहना है रायपुर अमलेश्वर दुर्गा नगर की निर्भीक युवा आईकॉन चेहरा काजल सिंह खारी का, उन्होंने कहा यह वीडियो वायरल हो गया और लोगों के निगाह में चड गया तो इतनी सी कार्यवाही हुई इस देश में आम जनता के साथ नौकरशाही कैसा बर्ताव करती है यह किसी से छिपा नहीं अब समय आ गया है हम जागृत हो और कहीं भी इस तरह का कृत्य ना होने दें असहाय और गरीब को सहारा देकर न्याय दिलवाये, मैं प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल से मांग करती हूं ऐसे अधिकारी पर और कड़ी कार्यवाही हो। संवेदनहीनता कानून के उल्लंघन के लिए प्रशासन और न्याय में कोई जगह नहीं होनी चाहिए।

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