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शिकायतों के बावजूद बदस्तूर जारी है अवैध प्लाटिंग का कारोबार

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  • बगैर डायवर्सन कृषि भूमि पर प्लाट कटिंग का गोरखधंधा ?

किरीट ठक्कर/गरियाबंद। जिला मुख्यालय सेे लगे ग्राम पंचायत आमदी (म) में कृषि भूमि पर अवैध प्लाटिंग का कारोबार बदस्तूर जारी है। जिला प्रशासन से की गई शिकायत के बावजूद भी कार्यवाही कोसों दूर है ? यही वजह है की भू – माफियाओं के हौसले सातवें आसमान पर है और यही कारण है कि जिला प्रशासन की नाक के नीचे ही सारे नियम कायदे को ताक में रखकर असंवैधानिक तरीके से कृषि भूमि को प्लाटिंग कर अन्य लोगों के नाम पर रजिस्ट्री कर बेचे जाने का कारोबार जिला मुख्यालय में फल फूल रहा है।

इस मामले में ग्राम पंचायत आमदी (म) के पूर्व उप सरपंच एवं वार्ड नंबर 07 के वर्तमान पंच व वरिष्ठ पत्रकार जीवन एस साहू , इस पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हैं , वे कहतें है कि पूर्व में भी वार्ड नंबर 07 में खसरा नंबर 491/1 रकबा 0.4900 हेक्टेयर कृषि भूमि जो कि मो. हनीफ मेमन पिता मो. हमीद मेमन साकिन गरियाबंद के नाम पर है , के द्वारा उक्त कृषि भूमि को कई टुकड़ों में प्लाटिंग कर अलग अलग कई लोगों के पास बेचे जाने का कारोबार किया गया है ।

इस मामले में जीवन एस साहू द्वारा दिनांक 2 मार्च 2020 को तत्कालीन अपर कलेक्टर के.के. बेहार के समक्ष आवेदन प्रस्तुत कर कार्यवाही की मांग की गई थी। आवेदन में लेख किया गया था कि जिला मुख्यालय से लगी ग्राम पंचायत आमदी (म) के अंतर्गत वार्ड नंबर 07 में कृषि भूमि में गरियाबंद निवासी मो. हनीफ मेमन पिता मो.हमीद मेमन द्वारा अवैध ढंग से कृषि भूमि की प्लाटिंग कर धड़ल्ले से बिक्री की जा रही है , जो कि अवैधानिक है । विदित हो कि इसके पूर्व भी मो. हनीफ मेमन द्वारा ग्राम केशोडार एवं ग्राम पंचायत पारागांव में अवैधानिक तरीके से जमीन प्लाटिंग कर बेची जा चुकी है । जिसके लिए जीवन एस साहू द्वारा इस पर कार्यवाही व रोक लगाए जाने की मांग भी की गई थी । तत्कालीन अपर कलेक्टर बेहार द्वारा तत्समय पदस्थ एसडीएम जेआर चौरसिया को उक्त मामले कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था। किंतु जे.आर. चौरसिया द्वारा एक वर्ष बाद भी इस पर कोई कार्यवाही नही की गई।
नतीजा सामने है कि उक्त कृषि भूमि को 11 टुकड़ों में प्लाटिंग कर अवैध तरीके से बेचा जा चुका है ।

जिला प्रशासन के सुस्त रवैये के आगे पूरा सिस्टम नत मस्तक है । नतीजा यह है कि कृषि भूमि को छोटे-छोटे टुकडों में बेचने से जहां एक ओर नक्शों का आद्यतिकरण नहीं हो पा रहा है । वहीं दूसरी ओर सीमांकन का कार्य भी नहीं हो पा रहा है,
जिससे भूमि विवाद में लगातार वृद्धि हो रही है ।

नगरीय सीमा से लगे ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहा है अवैध प्लाटिंग का खेल
कृषि भूमि के अवैध प्लाटिंग के मामले नगरीय सीमा से लगे हुए ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा हैं। इस खेल में राजस्व विभाग के तहसीलदार आरआई पटवारियों की सम्मिलित महती भूमिका से इंकार नही किया जा सकता। यहां आलम ये है मलाई चाट रहे अधिकारी कर्मचारी किसी हाल अपनी कुर्सी छोड़ने को तैयार नही है , तबादले के बाद भी घूम फिर कर वापस उसी कुर्सी पर आकर चिपक जाते हैं।

छत्तीसगढ़ में लागू है कालोनाइजर एक्ट
छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम में कालोनाइजर एक्ट के संबंध में कई प्रावधान दिये गये हैं , जिसमें यह प्रावधान है कि यदि कोई व्यक्ति किसी भूमि को बिना व्यपर्वित किए तथा मकान निर्माण का बिना रजिस्ट्रीकरण कराये आवासीय प्रयोजन हेतु छोटे-छोटे टुकड़ों में विक्रय करता है तो उसका यह कृत्य अवैध कॉलोनी निर्माण कि श्रेणी में आएगा ।

आपको बता दें कि शहर व आसपास के गांव से लगे खेतों की बिक्री आवासीय प्लाट के रूप में बेधड़क हो रही है । इन खेतों को प्लाटिंग करने वाले लोग पहले एक आधी सड़क तैयार करते हैं इसके बाद वहां, अपने तरीके से प्लाटिंग करते हैं । जबकि कृषि भूमि को प्लाट के रूप में विकसित कर खरीदी बिक्री के लिए नियमानुसार डायवर्सन कराना पड़ता है । एक से अधिक प्लाट काटने के बाद नियमानुसार कॉलोनाइजर एक्ट के तहत सभी फॉर्मेलिटी पूरी करने के बाद उसकी खरीदी बिक्री की जानी होती है ।

बिना पंजीयन के ना केवल आवासीय कॉलोनी डेवलपमेंट हो रही हैं बल्कि खेत खलिहान का , आवास के रूप में धड़ल्ले से अवैधानिक तरीके से प्लाटिंग किया जा रहा है । जिसका जीता जागता सबूत ग्राम पंचायत आमदी (म) के वार्ड नंबर 07 में देखा जा सकता है । जहां पर कृषि भूमि में प्लाट काटकर धड़ल्ले से बेच दिया गया है। जिस पर आवास निर्माण के प्रयोजन को लेकर उक्त खरीददारों द्वारा उसमें आवास निर्माण कार्य हेतु डीपीसी भी कराया गया है, तथा आवास निर्माण कार्य भी जारी है।

प्रशासन के संज्ञान में लगातार मीडिया अखबार एवं शिकायत के माध्यम से लाए जाने के बावजूद भी जिला प्रशासन के सुस्त रवैया के चलते इन भूमि माफियाओं के हौसले और बुलंद हैं। जिसकी वजह से अवैध प्लाटिंग का कारोबार बेखौफ धड़ल्ले से जारी है ।
फिलहाल कोरोना वायरस महामारी की वजह से लॉकडाउन के कारण सभी विभाग व रजिस्ट्री का कार्य बंद है। जिससे भू माफियाओं के आमदनी पर विराम लगा हुआ हैं । किंतु यदि अवैध कालोनी निर्माण पर , जिला प्रशासन इसी तरह निष्क्रिय रहा तो इस लोभी प्रवृति की पुनरावृत्ति होती रहेगी। लॉक डाउन के भु-माफ़िया पुनः सक्रिय होंगे।

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