राजनांदगांव : मुठभेड़ में एटापल्ली वन क्षेत्र में 13 नक्सलियों को ढेर किया गया है। सभी के शव बरामद हो गए हैं। – Dainik Bhaskar
गढ़चिरौली के DIG संदीप पाटिल ने बताया है कि मुठभेड़ में एटापल्ली वन क्षेत्र में 13 नक्सलियों को ढेर किया गया है। सभी के शव बरामद हो गए हैं। छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र बार्डर से लगे गढ़चिरौली जिले में गुरुवार देर रात C-60 फोर्स के कमांडोज ने मुठभेड़ में 13 नक्सलियों को मार गिराया है। मारे गए सभी नक्सलियों के शव बरामद हो गए हैं। हालांकि अभी उनकी पहचान नहीं हो सकी है। क्षेत्र में ऑपरेशन जारी और जवानों व नक्सलियों के बीच रुक-रुक कर फायरिंग चल रही है। गढ़चिरौली DIG संदीप पाटिल ने मारे गए नक्सलियों की पुष्टि की है। महाराष्ट्र में गढ़चिरौली जिले के एटापल्ली में नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना पर C-60 फोर्स के जवान सर्चिंग पर निकले थे। गुरुवार रात घात लगाए नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी। इस पर जवानों ने भी जवाबी कार्रवाई की है। इसी इलाके के थाने पर करीब 26 दिन पहले नक्सलियों ने रॉकेट लॉन्चर से हमला किया था। हालांकि वह फटा नहीं था और नुकसान होने से बच गया था।
दो माह में तीसरी मुठभेड़, नक्सलियों का उत्पात जारी
28 अप्रैल : गढ़चिरौली जिले में C-60 फोर्स के कमांडोज ने करीब 4 घंटे चली इस मुठभेड़ में 8 लाख रुपए के दो इनामी नक्सलियों को मार गिराया था।
26 अप्रैल : नक्सलियों ने भारत बंद के दौरान 6 ट्रैक्टर और एक टैंकर में आग लगा दी। यह वाहन सड़क निर्माण कार्य में पर्मिली मेदपल्ली इलाके में लगे हुए थे।
23 अप्रैल : रात करीब 12.30 बजे नक्सलियों ने कांकेर जिले की सीमा से महज 14 किमी दूर महाराष्ट्र के जांबिया गट्टा थाना में हमला कर दिया। थाने के सामने बने मकानों की आड़ में करीब 100 से अधिक नक्सलियों ने फायरिंग की और राकेट लॉन्चर दागा।
29 मार्च : टैक्टिकल काउंटर अफेंसिव कैंपेन (TCOC) के लिए जुटे नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में कुख्यात नक्सली रुसी राव सहित पांच नक्सली ढेर हो गए थे।
लाल आतंक:महाराष्ट्र सीमा से लगे गट्टा थाने पर नक्सलियों का हमला, कांकेर की उनकी कंपनी भी हमले में शामिल
कौन हैं C-60 एंटी नक्सल कमांडो
गढ़चिरौली जिले की स्थापना के बाद से ही पूरे क्षेत्र में नक्सली गतिविधियां बढ़ गई थीं। इस पर प्रतिबंध लगाने के लिए तत्कालीन SP केपी रघुवंशी ने 1 दिसंबर 1990 को C-60 की स्थापना की। उस वक्त इस फोर्स में सिर्फ 60 विशेष कमांडो की भर्ती हुई थी, जिससे इसे यह नाम मिला। नक्सली गतिविधियों को रोकने के लिए गढ़चिरौली जिले को दो भागों में बांटा गया। पहला उत्तर विभाग, दूसरा दक्षिण विभाग। नक्सलियों का आज भारत बंद:दंतेवाड़ा, सुकमा, गढ़चिरौली, कांकेर में मचाया उत्पात; मोबाइल टावर और वाहनों में लगाई आग, रास्ता बंद होने से वैक्सीनेशन के लिए जा रही टीम फंसी
प्रशासनिक कामकाज भी करते हैं C-60 कमांडो
इन कमांडो को विशेष ट्रेनिंग दी जाती है। इन्हें दिन-रात किसी भी समय कार्रवाई करने के लिए ट्रेंड किया जाता है। इनकी ट्रेनिंग हैदराबाद, NSG कैंप मनेसर, कांकेर, हजारीबाद में होती है। नक्सल विरोधी अभियान के अलावा ये जवान नक्सलियों के परिवार, नाते-रिश्तेदारों से मिलकर उन्हें सरकार की योजनाओं के बारे में बताकर समाज की मुख्यधारा में जोड़ने का काम भी करते हैं। नक्सली इलाकों में ये प्रशासनिक समस्याओं की जानकारी भी जुटाते हैं।