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टीकाकरण करवाने में राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन की महिलाओं की महती भूमिका, रजिस्ट्रेशन से लेकर वेरीफिकेशन तक कर रही है काम

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तापस सन्याल/भिलाईनगर। राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन की महिलायें टीकाकरण करवाने में अपनी महती भूमिका अदा कर रही है। हालांकि एक ओर घर परिवार की जिम्मेदारी तो दूसरी ओर निगम के द्वारा दिये गये दायित्व। दोनों ही कार्यों को महिलाये बखूबी निभा रही है। जब से टीकाकरण का कार्य आमजन के लिये प्रारंभ हुआ है। तब से राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन की सीओ, सीआरपी, मैनेजर इसमें अपना पूर्ण योगदान दे रहे है। जब 45 वर्ष से अधिक एवं 60 वर्ष से अधिक उम्र समूह को टीका लगना प्रारंभ हुआ तब पंजीयन एवं वेरिफिकेशन के लिये इन्हें निगम ने प्रशिक्षित किया और टीकाकरण केन्द्रों में नियुक्त किया। जिससे भिलाई में इन महिलाओं की सहायता से टीकाकरण प्रोसेस पूरी तरह से आसान हो गया। वहीं रजिस्ट्रेशन के दौरान हितग्राहियों का डाटा मेन्टेन करना भी आसान नहीं है, परन्तु इनके मजबूत इरादे और कोरोना को थामने के लिए टीकाकरण करवाने में इनका अभूतपूर्व उत्साह रहा है। जिसके चलते डाटा को सुरक्षित किया जा रहा है। प्रति घंटे टीकाकरण की रिपोर्टिंग भी कर रही है, जिससे आंकड़ा प्राप्त करने में आसानी हो रही है। टीकाकरण के पश्चात् ऑब्जरवेशन एवं वेरिफिकेशन कोविड प्रोटोकाॅल का एक महत्वपूर्ण प्रोसेस है। महिलायें इसमें भी अपना सहयोग दें रही है। निगमायुक्त श्री ऋतुराज रघुवंशी ने महिलाओं के द्वारा किए जा रहे कार्यों की खूब सराहना की है! एनयूएलएम की महिलाओं को शासन-प्रशासन द्वारा समय-समय पर जारी किये गये दिशा निर्देशों से अवगत कराते हुये प्रशिक्षित किया जा रहा है। निगम भिलाई द्वारा निर्धारित टीकाकरण केन्द्रों में यह महिलाएं हेल्प डेस्क के रूप में कार्य कर टीकाकरण को आसान बना रही है। टीकाकरण के लिए लोगों को प्रेरित करने भी इनका अहम योगदान रहा है। सहायक परियोजना अधिकारी फणीन्द्र बोस ने जानकारी देते हुए बताया कि 24 सीओ एवं 45 सीआरपी की महिलाये कोरोना संक्रमण को मात देने मैदानी स्तर पर लगातार कार्य कर रही है। एनयूएलएम की महिलाये प्रतिदिन टीकाकरण केन्द्र में होने वाली गतिविधियों की पल-पल की जानकारी एकत्र कर रही है, टीकाकरण केंद्रों में भीड़ नियंत्रित करने में भी इनका योगदान रहा है! अंत्योदय और बीपीएल श्रेणी के हितग्राहियों को विशेषकर प्रेरित कर रही है। मास्क निर्माण में भी इन्होंने अपनी जागरूकता दिखाई है। महिलायें इतनी जागरूक हो गई है कि प्रशिक्षण उपरांत इंटरनेट संबंधी कार्य आसानी से कर रही है। टीकाकरण केन्द्रों में आने वाले हितग्राही भी इनके कार्यों से काॅफी प्रभावित हो रहे है। सीमित कर्मचारियों के चलते इनका सहयोग मिलने से कोरोना को परास्त करने में महिलाएं मददगार साबित हो रही है।

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