- जीवनदायिनी बनी डाॅक्टरों की टीम, कोरोना संक्रमित महिला का कराया सुरक्षित प्रसव
- खण्ड चिकित्सा अधिकारी की अगुवाई में स्वास्थ्यकर्मियों की मेहनत लाई रंग, मां और बच्चा दोनों सुरक्षित
- कलेक्टर व सीईओ ने महिला को दी बधाई, चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों की सेवा भावना पर जताई खुशी
आफताब आलम/बलरामपुर : कोरोना संक्रमण से जहां आम-जनजीवन प्रभावित है, वहीं प्रथम पंक्ति के योद्धा के रूप में स्वास्थ्यकर्मी लगातार लोगों के जीवनरक्षा हेतु निरंतर प्रयासरत हैं। उनके ही परिश्रम व सेवाभावना का परिणाम है कि संक्रमित मरीजों का बेहतर उपचार हो पा रहा है और लोग कोरोना को मात देकर सकुशल वापस लौट रहे हैं। स्वास्थ्यकर्मियों के इच्छाशक्ति व सेवा भावना का ऐसा ही सशक्त उदाहरण विकासखण्ड कुसमी के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में देखने को मिला, जहां कोरोना संक्रमित महिला ने एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया है। विकासखण्ड कुसमी के ग्राम गोपातु की रहने वाली मोहरमनी नगेशिया को प्रसव पीड़ा के उपरांत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कुसमी लाया गया। जहां डॉक्टरों ने जांच करने पर पाया कि महिला कोरोना पॉजिटिव है और महिला की स्थिति को देखते हुए खण्ड चिकित्सा अधिकारी ने तत्काल प्रसव कराने का निर्णय लिया। डॉ. अनुज टोप्पो की अगुवाई में चिकित्साकर्मियों की टीम ने सफल और सुरक्षित प्रसव कराया है। मां और बच्चे को एक नई जिंदगी देने के साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना संक्रमितों के भी बेहतर इलाज के अपने संकल्प दोहराया है। कलेक्टर श्री श्याम धावड़े व जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती तूलिका प्रजापति ने सुरक्षित प्रसव के लिए स्वास्थ्यकर्मियों के कार्यों की सराहना की और महिला को बधाई संदेश प्रेषित किया है। कलेक्टर श्री श्याम धावड़े ने कहा कि सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में पूर्व में ही निर्देश जारी कर गर्भवती महिलाओं के प्रसव के लिए विशेष व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए थे। महामारी के इस कठिन समय में भी स्वास्थ्यकर्मियों ने धैर्य के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन किया है। विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनुज टोप्पो ने बताया कि महिला आज सुबह ही प्रसव पीड़ा उपरांत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंची थी, जिसकी जानकारी मिलते ही तुरंत हमने एहतियात के तौर पर उसकी कोरोना जांच कराई, जिसमें वह संक्रमित पाई गई। महिला की स्थिति को देखते हुए हमने तत्काल प्रसव कराने का निर्णय लिया। चूंकि महिला कोरोना संक्रमित थी, इसलिए कोविड प्रोटोकॉल के अनुरूप ही सुरक्षित प्रसव कराया गया। महिला और बच्ची दोनों पूर्णतः स्वस्थ है और उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के आइसोलेशन वार्ड में निगरानी में रखा गया है। प्रसव के दौरान स्टाफ नर्स चंदा भगत, संध्या रत्नाकर व नर्सिंग सिस्टर के.एक्का ने पूरा सहयोग किया। अपने काम के साथ अपने दायित्वों के निर्वहन की खुशी उनके चेहरे पर साफ दिख रही थी। नर्सिंग सिस्टर के.एक्का ने बताया कि हमें इस बात की खुशी है कि हम अपने प्रयास में सफल हुए तथा कोरोना संक्रमित महिला का सुरक्षित प्रसव कराया है। मां और बच्चा दोनों स्वस्थ है तथा सबके सहयोग व प्रयास से ही सुरक्षित प्रसव संभव हो पाया है।