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मौसम और लॉक डाउन का ग्रहण का असर नही दिखा हरा सोना संग्रहण में

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  • पिछले वर्ष की तुलना में 4 गुना अधिक खरीदी
खिरेन्द्र ठाकुर/दंतेवाड़ा : बस्तर अंचल में इन दिनों हरा सोना अर्थात तेंदू पत्ता की खरीदी अंतिम चरण की ओर है। दंतेवाड़ा जिला इन दिनों कोरोना संक्रमण के चलते लॉक डाउन की मार झेल रहा है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में तेंदूपत्ता लोगों के जीवन का सहारा साबित हो रहा है। इस वर्ष विगत वर्ष की तुलना में 4 गुना अधिक संग्रहण हुई है। विभाग को पिछले साल के भांति 19 हजार मानक बोरा का लक्ष्य दी गई थी, लक्ष्य के एवज में लगभग 10 हजार 5 सौ मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण अब तक किया जा चुका है। विभागीय जानकारी के अनुसार पिछले सीजन में उन्नीस हजार मानक बोरा के लक्ष्य में केवल साढ़े तीन हजार मानक बोरा के लगभग खरीदी हुई थी। ज्ञात हो कि जिले में कुल 138  फड़ तेंदूपत्ता संग्रहण के लिए निर्धारित हैं। जिनमे से इस वर्ष केवल 88 फड़ों में ही संग्रहण शुरू हो सकी है। कटेकल्याण और कुआकोंडा ब्लॉक के कुछ फड़ में इस बार खरीदी नही हो पाई है। जिसका मुख्य कारण कोरोना संक्रमण, लॉक डाउन और बेमौसम बारिश को माना जा रहा है। वहीं विगत वर्ष पूरे जिले में कोरोना संक्रमण और लॉक डाउन का असर तेंदूपत्ता संग्रहण में दिखा था।  लेकिन इस वर्ष संग्राहकों ने हरा सोना में ही अपना रोजगार और आय तलास लिया। साल भर की आर्थिक मंदी के बाद जिले के ग्रामीण तेंदूपत्ता संग्राहकों ने हरा सोना को अपनी जीविका का स्रोत बनाया है।
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