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तीन श्रवण कुमारो ने कोविड सेंटर में की माँ-बाप की सेवा बचा ली परिजनों की जान

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  • परिजनों समेत कोविड सेंटर में भर्ती सभी मरीजो की करते है देखभाल

रवि सेन/बागबाहरा : कोरोना महामारी के इस दौर में परिवार में किसी एक व्यक्ति को कोरोना पॉजिटव आने के बाद जहाँ एक ओर पूरा परिवार अलग रख कर उनका इलाज करवाता है वही शहरों में कई ऐसे वाक्ये भी देखे गए है कि लोग अपने ही परिजनों के लाश को ले जाने एवं दाहसंस्कार करने से मना कर देते है । वही बागबाहरा क्षेत्र के 3 ऐसे भी श्रवण कुमार है जिन्होंने अपने स्वास्थ्य की चिंता किये बगैर अपने – अपने माता – पिता (कोविड मरीजो) की सेवा के लिए सिर्फ हॉस्पिटल में ही भर्ती नही कराए बल्कि कोविड हॉस्पिटल के अंदर 15 -15 दिन रहकर पूरी सेवा एवं देखभाल भी किया और स्वस्थ्य कराकर अपने परिजनों को घर भी ले गए । इन कोविड मरीजो की देखभाल एवं स्वास्थ्य करने में हालांकि स्वास्थ्य विभाग के स्टाफ सहित एक बेहतर वालेंटियर चंद्रशेखर सिंग का भी बड़ा योगदान रहा लेकिन इन श्रवण कुमारों की सेवाओं की चर्चा भी पूरे क्षेत्र में जमकर हो रही है लोगो में चर्चा है कि किसी भी व्यक्ति को भगवान संतान दे तो इन श्रवण कुमारो जैसा ही दे । इस आपदा की घड़ी में सेवाभावी लोगो द्वारा कही श्रम तो कही आर्थिक दान देकर अपनी अपनी सहभागिता निभा रहे है ऐसे में बागबाहरा ब्लॉक के इन तीनो नवयुवको हनीफ खान , वैभव उपाध्याय एवं अखिलेश विश्वकर्मा का कोविड सेंटर के अंदर रहकर सेवा देना काफी सराहनीय कार्य है ।

इन तीनो श्रवण कुमारों ने की परिजनों सहित सभी मरीजो की सेवा

1. हनीफ़ खान निवासी तेंदुकोना के पिता प्यार मोहम्मद को बागबाहरा कोविड सेंटर में 19 अप्रैल 21 को भर्ती कराया गया था तब उनके शरीर मे कोरोना का इंफेक्शन 60 -70% तक रहा है । हनीफ ने अपने पिता की स्थिति एवम कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए स्थानीय कोविड सेंटर पर भरोसा जताया और अपने पिता की सेवा के लिए स्वयं कोविड सेंटर के भीतर रहने की ठानी और फिर अपने पिता सहित कोविड सेंटर बागबाहरा में भर्ती उन सभी मरीजो की जमकर सेवा किया और अंततः हनीफ की सेवा से उनके पिता प्यार मोहम्मद ने कोरोना से जीत हासिल कर स्वस्थ्य होकर 3 मई 21 को घर वापसी कर ली ।

2. वैभव उपाध्याय कोमाखान निवासी के पिता वरुण उपाध्याय की तबियत खराब होने के बाद वरुण उपाध्याय को 5 मई 21 को बागबाहरा कोविड सेंटर में भर्ती कराया गया । अपने पिता को स्वस्थ्य करने की जिद में अपने पिता के साथ ही कोविड सेंटर में रहकर अपने पिता जी के साथ साथ अन्य मरीजो की देखभाल में जुट गया । जब वरुण उपाध्याय को कोविड सेंटर में भर्ती कराया गया तब इनकी हालत काफी गम्भीर थी इनका कोरोना प्रतिशत 75 से 80 % था ऐसे गंभीर स्थिति में कोविड सेंटर में भर्ती कराया गया । बच्चों की निरंतर सेवा एवं चिकित्सको की निगरानी में अभी इनकी हालत काफी बेहतर है और कुछ दिनों बाद और सुधार आने पर इनकी छुट्टी भी हो जाएगा ।

3. अखिलेश विश्वकर्मा निवासी तेंदुकोना ने अपनी माँ फुलेश्वरी विश्वकर्मा 3 मई 21 को बागबाहरा कोविड सेंटर में भर्ती कराया है जब उनको भर्ती कराया गया तब उनको कोरोना का प्रतिशत 80 % रहा है । अपने माँ को बचाने की जिद में अखिलेश विश्वकर्मा भी बागबाहरा कोविड सेंटर में अपनी माँ के सेवा के लिए अभी कोविड सेंटर में है । कोविड हॉस्पिटल से मिली जानकारी के अनुसार ये नवयुवक अपने माँ की सेवा के साथ – साथ अन्य मरीजो की सेवा में भी कोई कमी नही करते जिस किसी भी मरीज को जिस चीज की जरूरत हो ये कोरोना वारियर्स तत्काल ही सेवा देते है मरीजो को भोजन खिलाने , आक्सीजन सिलेंडर बदलने सहित टॉयलेट ले जाने तक का काम ये वारियर्स कोविड सेंटर के भीतर कर रहे है ।

डॉ रेवेंद्र साहू (चिकित्सक कोविड केयर सेंटर बागबाहरा) – कोविड केयर सेंटर में तीन कोरोना मरीजो से साथ उनके बेटे भी आये और अपने अपने माता – पिता की सेवा की जिद के साथ वे भी कोविड सेंटर में रहकर अपने परिजनों सहित अन्य मरीजो की सेवा कर रहे है इन तीनो नवयुवकों में भी कोरोना के हल्के लक्ष्ण भी रहे जिसके कारण इनको कोविड सेंटर में जाने की अनुमति मिली ।
इन मरीजो में से एक प्यार मोहम्मद नाम का मरीज ठीक होकर अपने घर चला गया है बाकी दो मरीजो की हालत में काफी सुधार है कुछ दिनों के भीतर उनकी भी छुट्टी हो जाएगी । इन नवयुवकों की सेवा भावना से अन्य लोगो को भी प्रेरणा लेने चाहिए कोविड सेंटर में आकर न सही लेकिन अपने आज पास की लोगो की मदद जरूर करनी चाहिए ।

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