नरसिंग मंडावी/नारायणपुर : जिले में हुई बारिश ने तेंदूपत्ता संग्राहकों की चिंता बढ़ा दी है लगातार बेमौसम बारिश होने से तेंदूपत्ता संग्रहण पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है। संग्रहण केंद्र में रखे तेंदूपत्तों पर धूल-मिट्टी लग गई है. जिससे पत्तों के सड़ने की आशंका बढ़ गई है। इस कोरोना के संकट काल में तेंदूपत्ता ग्रामीणों के लिए खुशियां लाया था प्रदेशभर में तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य पूरी रफ्तार के साथ जारी था जिले में शासन की ओर से तेंदूपत्ता संग्रहण के लिए प्रति सैंकड़ा 400 रुपए मिल रहे हैं. वहीं 4 हजार रुपए प्रति मानक बोरा दर निर्धारित किया गया है जिससे ग्रामीणों की रोजी रोटी के लायक तेंदू पत्ता तोड़ पा रहे थे । बारिश ने तेंदूपत्ता की खरीदी पर ग्रहण लगा दिया असर में जिले में अचानक हुई तेज बारिश ने जिले के अलग अलग फड़ में रखे तेंदूपत्ता को काफी नुकसान पहुंचा चुका है साथ ही इस साल बारिश और बदलते मौसम के कारण कई फड़ों में खरीदी का कार्य चालू भी नही हो पाया है जिससे तेंदूपत्ता की खरीदारी प्रभावित हो रही है । तेंदूपत्ता तुड़ाई का कार्य जोरों पर था लेकिन बारिश ने एक बार तेंदूपत्ता को नुकसान पहुंचाकर वनांचल क्षेत्र की परेशानी बढ़ा दी है।
नारायणपुर में इन दिनों तेंदूपत्ता संग्रहण का काम तेजी से हो रहा था.लेकिन इस बीच बारिश हो गई. जिसने पत्तों को नुकसान पहुंचाने के साथ साथ तेंदूपत्ता संग्राहकों की चिंता बढ़ा दी है।
पेड़ों में पत्ता आना शुरू हुआ उस समय से अब तक बारिश और ओले नहीं गिरने के कारण इस साल हर साल की अपेक्षा पत्ते अच्छे थे और ग्रामीणों ने बताया कि सामान्य तौर पर जब पत्ता कोमल होता है तो उस पर पानी गिरने के बाद दाने के रूप में गांठ बनने की आशंका बढ़ जाती है ग्रामीण इसे माता की बीमारी का नाम देते हैं। साथ ही कई जगह पत्तों में छेंद होने का भी खतरा बन जाता था ऐसे में सभी पत्ते उपयोग के लिए उचित नहीं होते थे । किंतु इस साल पत्ते अच्छे थे बेमौसम बारिश ने ग्रामीणों के जीविका पर पानी फेर दिया जिससे इस साल पत्ता संग्राहकों के लिए बुरी ख़बर हो सकती है ।