(पांडुका नवापारा राजिम रायपुर ब्यूरो ) महेंद्र सिंह ठाकुर | महंगाई और प्रकृति की मार से किसान पहले से त्रस्त था कोरोना महामारी ने और ज्यादा पस्त कर दिया। इसी बीच छत्तीसगढ़ शासन का यह आदेश किसानों के लिए बहुत राहत भरा है जिसमें जल संसाधन विभाग के सचिव अविनाश चंपावत द्वारा 3 मई को आदेश निकाला गया है सिंचाई अधिनियम 1931 की धारा 37 द्वारा प्रदत शक्तियों का प्रयोग करते हुए 1 नवंबर 2018 से 30 जून 2020 की स्थिति में सिंचाई जल कर की बकाया राशि एवं वर्ष 2020, 21 की चालू मांग राशि खरीफ एवं रबी की सिंचाई जल कर राशि को माफ करने की घोषणा सरकार करती है। इस खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए पांडुका के प्रगतिशील किसान महेंद्र कुमार साहू ने कहा इससे किसानों को बहुत राहत मिलेगी। वही अंचल के सबसे बड़े सब्जी उत्पादक एवं किसान सरकड़ा के भुनेश्वर निषाद ने कहा इससे राहत तो मिलेगी लेकिन अभी आफत की जो बारिश हुई है उसके लिए पटवारी सर्वे तो कर रहे हैं लेकिन हमेशा की भांति सरकार चंद् रुपए का मुआवजा देकर इतिश्री मत करें अगर मुआवजा दे तो धरती पुत्रों को संतोषप्रद राशि दे तभी मुआवजा देना शास्वत होगा। वहीं कुरूद की युवा आईकॉन एवं महिला शक्ति की प्रतीक और योग एक्सपर्ट खिलेश्वरी साहू ने छत्तीसगढ़ वाच ब्यूरो महेंद्र सिंह ठाकुर से बताया कि उनके पिता एक लघु कृषक हैं अभी की बारिश में खेत में धान ओला गिरने की वजह से पूरी तरह से नष्ट हो गया है वह स्वयं खेत में जाकर पिता के साथ धान समेटने में सहयोग किया तब देखा किसान को प्रकृति कैसे बर्बाद करती है उनका मन बुरी तरह विचलित हो गया और वे शासन से मांग करती हैं कि किसानों को उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए।
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