प्रकाश नाग/केशकाल : केन्द्र की मोदी सरकार खाद्य की किमत में 58 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर किसानों की कमर तोड़ रही है । केन्द्र की मोदी सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की बात कर रही है और वर्ष 2020-21 की खरीफ फसलों की तैयारी में किसान है और 1150 रुपये में मिलने वाली डी.ए.पी. खाद रेट को 1900 रुपये बढ़ाकर किसानों की कमर तोड़ रही है । मोदी सरकार किसान विरोधी है इस फैसला से केन्द्र की सरकार का असली चेहरा दिखाई दे रहा है । वहीं प्रदेश की भूपेश सरकार में जनता खुश है और किसानों की धान का समर्थन मूल्य 2500 रुपये से छत्तीसगढ़ के किसान खुशी महसुस कर रहे थे । किन्तु केन्द्र की मोदी सरकार अच्छे दिन की सपना दिखाकर नोट बंदी , जी.एस.टी. , लॉक डाउन कर किसानों की दशा को कमजोर कर दिया वही दूसरी ओर अन्नदाता को खाद का रेट बढ़ाकर दोहरी मार रही है । केन्द्र की सरकार की कथनी और करनी में बहुत अंतर है यदि इस प्रकार खाद् की कीमत में वृद्धि होती है तो किसानों की खेती में लागत प्रति एकड़ 4000 रुपये अधिक लागत आयेगी वहीं उत्पादन का सही एम.एस.पी. नहीं मिल रही है । खाद् की वर्तमान मूल्य बढी . हुई मूल्य 1150 डी.ए.पी. 1900 डी.ए.पी. 850 एम.ओ.पी. 1050 एम.ओ.पी. 950 एन.पी.के. 1750 एन.पी.के. सिंगल सुपर फास्फैट में प्रति बोरी 36 रुपये की बढोतरी हुई है । केन्द्र की सरकार खाद् की कीमत को वापस लें अन्यथा विधानसभा स्तर पर धरना प्रदर्शन किया जावेगा ।
केन्द्र के मोदी सरकार किसानों के साथ कर रही है अन्याय : विधायक संतराम नेताम
