- उड़ीसा राज्य की देसी विदेशी 30.125 लीटर शराब पकड़ाई, अवैध शराब परिवहन मे प्रयुक्त पिकअप जब्त
- लोकल तस्कर से 60 लीटर कच्ची शराब सहित परिवहन मे प्रयुक्त मोटरसाइकिल जप्त
महेन्द सिंह/पांडुका/नवापारा/राजिम/रायपुर : कोरोना का संक्रमण काल और पुलिस पर दोहरी ड्यूटी इस बीच शराब गांजा, सट्टा जुआ से जुड़े असामाजिक तत्व सहित अन्य मादक पदार्थ के तस्कर ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं इसी कारण गरियाबंद एसपी भोजराम पटेल अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुखनंदन राठौर, एवं महतो तथा एसडीओपी संजय ध्रुव ने सभी थानों को इस दिशा में करोना काल की ड्यूटी करते हुए इन तत्वों पर कठोर कार्यवाही करने का आदेश दिया इसी के आधार पर पांडुका थाना प्रभारी बसंत बघेल अपने स्टाफ के साथ सघन सर्चिंग एवं पॉइंट में मुस्तैदी अभियान चलाए हुए हैं।
अंतर राज्यीय शराब तस्कर पकड़ाये,,,,,, दिनांक 5 मई 2021 को पांडुका के चारों धाम चौक में पुलिस चेकिंग के दौरान पिकअप वाहन क्रमांक सीजी 04 एमवाई 6859 आई उसमें दो व्यक्ति सवार थे उनके हाव भाव बेहद संदिग्ध लग रहे थे और पुलिस ने चेक पिकअप की तलाशी ली तो वहां से उड़ीसा की बनी देसी शराब और विदेशी शराब का जखीरा मिला जिसमें लाल डबलघोड़ा छाप 200ml की देसी शराब 35 नग पाउच कुल 7 लीटर एवं 50 नग मकड़ी छाप देसी शराब पाउच 200ml कुल 10 लीटर कीमत 2500 रुपए, 1 लीटर प्लास्टिक की बोतल मे 9 लीटर कच्ची शराब कीमत 1800₹, ऑफिसर चॉइस विदेशी शराब 11 नग बोतल प्रत्येक 375ml कुल शराब 4.125 लीटर कीमत ₹3190 देसी विदेशी शराब मिलाकर कुल30.125 लीटर कीमत 9240 रुपए इसमें शराब तस्करी के आरोपी बलभद्र हरपाल पिता गोकुल हरपाल उम्र 36 वर्ष निवासी कृष्णा नगर कोटा रायपुर छत्तीसगढ़ और पिकअप वाहन चालक राजू नाग को गिरफ्तार कर पिक अप कीमत ₹400000 को जप्त किया गया। इनके खिलाफ आबकारी अधिनियम की धारा 34/2 और लॉकडाउन के उल्लंघन में धारा आईपीसी के तहत 188/34 के तहत कार्यवाही कर न्यायालय के आदेश परन्यायिक हिरासत में गरियाबंद जेल दाखिल किया गया।
6 मई को लोकल तस्कर अवैध महुआ की कच्ची शराब के जखीरे के साथ पकड़ाया,,, 6 मई को सुबह लगभग 6:00 बजे पांडुका से 2 किलोमीटर दूर पोड़ कूकदा पिकअप वियर रोड पर पोड निवासी प्रदीप कुमार साहू पिता पेग राम साहू उम्र 30 वर्ष को कई जरीकेनो में 60 लीटर कीमत ₹12000 को हीरो हौंडा डीलक्स मोटरसाइकिल क्रमांक सीजी 04 एच क्यू 2746 से परिवहन करते रंगे हाथ थाना प्रभारी बसंत बघेल और उनकी टीम ने धर दबोचा इसके खिलाफ भी आबकारी एक्ट की धारा 34, दो के तहत कार्यवाही करते हुए मोटरसाइकिल कीमत लगभग 20000 को जप्त किया और माननीय न्यायालय के आदेश पर इसको भी न्यायिक हिरासत में गरियाबंद जेल भेजा गया।
उक्त कार्यवाही में थाना प्रभारी बसंत बघेल, नकुल सिदार सहायक उप निरीक्षक, ललित साहू प्रधान आरक्षक, नरेंद्र वर्मा प्रधान आरक्षक, चमन कुर्रे किशन पटेल देव मनहर प्रफुल्ल निर्मलकर जितेंद्र कुमार प्रीतम साहू सभी आरक्षक इनका योगदान सराहनीय रहा।
छत्तीसगढ़ वॉच ब्यूरो प्रमुख महेंद्र सिंह ठाकुर से पांडुका, अतरमरा और अंचल के कई गांव के निवासियों ने बताया भट्टी बंद होने से अवैध शराब की सप्लाई बहुत तेज हो गई है और इसके साथ अंचल में गांजा की तस्करी भी धड़ल्ले से हो रही है छोटे बच्चे जिनकी उम्र 12 से 15 साल के बीच है वह भी शराब और गांजा के शौकीन होते जा रहे हैं जिससे आसानी से समझा जा सकता है आने वाली पीढ़ी का भविष्य कैसे होगा। इस बारे में छत्तीसगढ़ वाच ब्यूरो ने एडिशनल एसपी सुखनंदन राठौर से बात की तो उन्होंने कहा पुलिस कार्यवाही लगातार चलेगी और विभाग पूरी मुस्तैदी से सट्टा जुआ शराब गांजा सहित सभी मादक पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए हमेशा लगा रहता है। सीजी वॉच ब्यूरो ने आम जनता से जानकारीऔर पूरे पांडुका क्षेत्र और गांवो का मुआयना करने पर यह पाया कि पुलिस कार्यवाही तो होती है लेकिन अगर इन बुराइयों को रोकना होगा तो आम जनता में जन जागरण और अपने गांव को नशा मुक्त करने के लिए स्वयं ज्यादा प्रयास करने होंगे यह देखने में आया है कि जब पुलिस ताबड़तोड़ कार्यवाही करती है तो अंचल के छुट भैया नेता और सफेदपोश इनकी तरफदारी करने लगते हैं यहां नशे के सौदागर कई जगह नेतागिरी का मुखौटा भी लगाए हुए हैं इनको बेनकाब करने की पहल भी आम जनता को करना होगा, गरियाबंद जिले में कई ऐसे गांव हैं जहां किसी भी प्रकार के नशे पर सख्त प्रतिबंध है इसका उदाहरण गरियाबंद से लगे कोच बाय ग्राम हैं यहां के रहवासी प्रतिष्ठित नागरिक और कांग्रेस के कद्दावर नेता युगल किशोर पांडे जी ने बताया बहुत पहले से इनके पिता श्री स्वर्गीय बलदेव प्रसाद पांडे जो कांग्रेश के जाने पहचाने चेहरा थे सामाजिक सेवा में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते थे उनके प्रयास और गांव के गणमान्य नागरिकों के संयुक्त प्रयास से काफी लंबा समय गुजर गया कोच बाय में कहीं भी शराब गांजा का कोई सेवन नहीं करता और अगर करता पाया गया तो भारी जुर्माना राशि उस से ली जाती है इसलिए इस गांव में नशाखोरी नहीं दिखती दावा तो नहीं अगर कोई चोरी-छिपे सेवन करता होगा तो इसे कोई भी नहीं जान सकता लेकिन अवैध बिक्री और सार्वजनिक प्रदर्शन जैसे अन्य गांवों में होता है वह बिल्कुल नहीं है। इसलिए आवश्यकता इस बात की है ग्रामवासी इच्छा शक्ति और एकता के बल पर कोचबाय जैसा माहौल अपने गांव में बना सकते हैं।