प्रांतीय वॉच

नया सौर ऊर्जा प्लांट में पुराना बैटरी लगाए जाने से केवल घंटे भर ही मिलती है रौशनी

Share this
  • सौर उर्जा पर्याप्त समय पर नही चलने से अंधेरों में रहने को मजबूर गरीबा स्कूल पारा के ग्रामीण

पुलस्त शर्मा/मैनपुर : पहुँच विहीन गांवों में विद्युतीकरण नहीं हो पाने के कारण वैकल्पिक सौर ऊर्जा से छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा रहवासी ग्रामीणों को अंधेरों से मुक्ति दिलाने के लिए अभिनव पहल कर रही है। उसके बावजूद भी शोषित, पीड़ित, वंचित समुदाय के हक और अधिकार से विभागीय जिम्मेदारों को कोई सरोकार नहीं दिखता है। जिनका खामियाजा ग्रामीणों को उठानी पड़ती है। ऐसा ही मामला विकासखंड मुख्यालय मैनपुर से 40 किलोमीटर की दूरी पर बसा ग्राम गरीबा स्कूल पारा में 35 परिवारों के लिए एक वर्ष पूर्व सौर ऊर्जा प्लांट स्थापित किया गया था जिसमें विभाग की ओर से पुराना बैटरी को लगा दिए जाने के कारण स्थापित समय से ही सौर उर्जा चालू नहीं होने के कारण अंधेरों में रहकर 35 परिवारों को जीवन निर्वहन करना पड़ रहा है। बच्चों की पढ़ाई अति आवश्यक बात करने के लिए मोबाइल चार्ज भी नहीं हो पाती है पूरी तरह से सौर ऊर्जा प्लांट बाधित पड़ा हुआ है। विषैले सर्प बिच्छू का डर हमेशा अंधेरा होने के कारण लोगों को भयभीत कर रखा है। सौर ऊर्जा प्लांट को सुधार के लिए कई बार मोहल्ले वासियों के द्वारा विभागीय स्तर पर जानकारी दिए जाने के बाद भी आज तक बैटरी को बदलाव नहीं किया गया है। गरीबा स्कूल पारा के बृजलाल मरकाम, कुंवर सिंह, परशुराम, दया राम, राम जी, कृष्णा, बैसाखू राम, सरजूराम, प्रताप, अगनू राम, महेंद्र, मिथिलेश, कवल सिंह, जग्गू लाल ने बताया कि अंधेरों की जिंदगी से तंग आ गए हैं। हम लोगों ने साल भर पहले उम्मीद किए थे हमारे 35 परिवारों के लिए सौर ऊर्जा प्लांट स्थापित किया जा रहा है। जिससे हमें अंधेरों से मुक्ति मिलेगी लेकिन उल्टा हो गया प्लांट तो लगा लेकिन उसमें बैटरी को पुराना लगा दिए जाने के कारण एक घंटा भी नहीं जल पाता है। जिला के अधिकारियों से सौर ऊर्जा प्लांट में नया बैटरी लगाते हुए अंधेरों से मुक्ति दिलाने की मांग मोहल्ले वासियों ने किए है।

Share this

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *